Brahmos Missile: पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाने वाली एक और खबर... भारत की सबसे घातक ब्रह्मोस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन वॉर ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया है. ब्रह्मोस की तैनाती से पाकिस्तान का तनाव बढ़ना तय है. साथ ही रफाल फाइटर प्लेन पर ब्रह्मोस-NG क्रूज मिसाइल लगाने को भी हरी झंडी मिल गई है. पहलगाम आतंकी हमले के बीच इसे भारत की ओर से उठाया गया, बड़ा कदम माना जा रहा है.
क्यों ब्रह्मोस के खौफ में है पाकिस्तान।!
- भारत की सबसे घातक मिसाइल
- सर्जिकल स्ट्राइक के लिए खतरनाक हथियार
- दुनिया की सबसे असरदार क्रूज मिसाइल
- पारंपरिक सबसोनिक मिसाइलों से 3 गुना तेज
- आधुनिक डिफेंस सिस्टम को भेदने की क्षमता
- दुश्मन के पास रिएक्ट करने का वक्त नहीं
- ऊंचाई कम होने से ट्रैक करना बहुत मुश्किल
- रडार को चकमा देकर अचूक निशाना
- कहीं से भी लॉन्च की जा सकती है मिसाइल
- समंदर, जमीन, आसमान तीनों वर्जन मौजूद
- हवा में ही अपना रास्ता बदलने में सक्षम
- चलते-फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है
भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल का नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों से लिया गया है, जो सांस्कृतिक विरासत और रणनीतिक सहयोग के जुड़ाव का प्रतीक है. इसका भारतीय नाम, ब्रह्मपुत्र, सृष्टि के हिंदू देवता ब्रह्मा से जुड़ा हुआ है, जो मिसाइल को प्रतीकात्मक रूप से दिव्य अधिकार, ज्ञान और संतुलन के साथ जोड़ता है. यह पौराणिक संदर्भ ब्रह्मास्त्र के समानांतर होने से गहरा होता है,
रणनीतिक रूप से ब्रह्मोस अपनी सुपरसोनिक स्पीड, सटीकता और मल्टी-प्लेटफ़ॉर्म के लिए जानी जाती है, जो भारत के विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध के सिद्धांत के अनुसार काम करती है. बड़े क्षेत्र को तबाह करने बजाय सर्जिकल स्ट्राइक करने की इसकी क्षमता इसे और खास बनाती है. मिसाइल का संयुक्त विकास भारत की रक्षा स्वायत्तता और वैश्विक साझेदारी, विशेष रूप से रूस के साथ का भी प्रतीक है और तकनीकी परिपक्वता और भू-राजनीतिक संतुलन का एक शक्तिशाली संदेश भेजता है. अपनी पौराणिक प्रतिध्वनि और आधुनिक कौशल के साथ, ब्रह्मोस न केवल एक सैन्य संपत्ति है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सांस्कृतिक पहचान और रणनीतिक इरादे का प्रतीकात्मक दावा है.