उत्तर प्रदेश (UP) के मुरादनगर (Muradnagar) हादसे में मारे गए तीन लोगों के शव उनके परिवार वालों ने अधिक मुआवजा देने की मांग को लेकर मेरठ-दिल्ली हाईवे (Meerut-Delhi highway) पर रखकर जाम कर दिया है. प्रदीप और सुनील चाचा भतीजे थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई है. सुनील के दो छोटे बच्चे हैं. उनके परिवार वालों का कहना है कि अब इनकी देखभाल कौन करेगा. भीड़ ने मुरादनगर हाईवे पर तीनों शवों को रख दिया है. गाजियाबाद से मेरठ जाने वाले रास्ते को भीड़ ने जाम कर दिया है. पुलिस प्रशासन मौके पर मौजूद है लेकिन मृतकों के परिवार लाशें उठाकर उनका अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं है. हाईवे पर लंबा जाम भी लग गया है.
मुरादनगर में रविवार को एक श्मशान घाट पर छत ढह जाने से 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं. मलबे से 38 लोगों को निकाला गया था. पुलिस ने बताया कि जब छत ढही, तो बारिश से बचने के लिए कई लोग इमारत के नीचे खड़े थे जिसे हाल ही में बनाया गया था. इस पूरे मामले के बाद बिल्डर फरार चल रहा है तो वहीं सीएम योगी ने जांच के आदेश दिए हैं.
हादसे के एक दिन बाद सोमवार को मृतकों के परिजनों ने अब हंगामा शुरू कर दिया है. उन्होंने मेरठ रोड जाम कर दिया है. बताया जाता है कि दो महिने पहले ही निर्माण कार्य हुआ था. जिस बिल्डर ने यह ठेका लिया था वह फरार हो गया है. गाजियाबाद पुलिस ने श्मशान घाट की छत ढहने के मामले में तीन नगर निकाय अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया.
पीड़ितों के परिजन ने हर शोकसंतप्त परिवार के लिए एक सरकारी नौकरी की भी मांग की. अधिकारियों ने पीड़ितों के परिजन को मार्ग से हटने के लिए मनाने की कोशिश की. पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने बताया कि मुरादनगर नगर पालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्र पाल और सुपरवाइजर आशीष को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया. राजा ने बताया कि पुलिस की टीम ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए उसके संभावित ठिकानों पर छापे मार रही हैं.
मुरादनगर नगर पालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्र पाल और सुपरवाइजर आशीष.
पीड़ितों के परिजन एवं मित्रों ने मुरादनगर पुलिस थाने के निकट राजमार्ग बाधित कर दिया. इसके कारण सुबह व्यस्त समय में अहम मार्ग पर सैकड़ों वाहन फंस गए. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उनसे बातचीत के लिए जिलाधिकारी को बुलाया जाए, ताकि वे हर शोकसंतप्त परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और हर परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग उनके सामने रख सकें.
अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि निथानी बाद में प्रदर्शनस्थल पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की. उन्होंने बताया कि अधिकारियों के वहां पहुंचने के बाद सड़क को आंशिक रूप से खोल दिया गया और दो पहिया वाहनों एवं एम्बुलेंस को गुजरने की अनुमति दी गई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. अधिकारियों ने बताया कि श्मशान घाट में जिस गलियारे की छत ढही है, उसका निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ था. इस गलियारे को बनाने में करीब 55 करोड़ रुपये की लागत आई थी और इसे 15 दिन पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया था.
(इनपुट भाषा से भी)