यूपी पुलिस ने फैक्ट चेकर और ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबेर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने मोहम्मद जुबेर के खिलाफ मुजफ्फरनगर स्कूल थप्पड़ कांड में पीड़ित पक्ष की पहचान उजागर करने को लेकर मामला दर्ज कर किया है. बता दें कि मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में एक शिक्षिका ने छात्रों से एक छात्र को थप्पड़ मारने को कहा था. जिसका वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने की थी अपील
बता दें कि बीते शुक्रवार को ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पहचान उजागर करने के खिलाफ चेतावनी दी थी. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने लोगों से आग्रह किया था कि वे बच्चों की पहचान उजागर ना करें. सहपाठियों द्वारा थप्पड़ खाने के बाद पीड़ित छात्र बेबस होकर खड़े खड़े रोता हुआ दिख रहा है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जिस मुस्लिम छात्र को एक स्कूल टीचर के आदेश के बाद उसके सहपाठियों ने थप्पड़ मारे थे, वह बीती रात बेहद परेशान रहा और नींद नहीं आने की शिकायत के बाद मेडिकल जांच के लिए मेरठ ले जाया गया. लड़के के माता-पिता ने कहा कि वह घर लौट आया है और अब सामान्य है. इससे पहले लड़के के पिता ने कहा था कि वह अब अपने बेटे को उस स्कूल में नहीं भेजेंगे, जहां उसे पीटा गया.
पीड़ित बच्चे के पिता का आया बयान
छात्र के पिता ने बताया, "परेशान होने और रात भर सो न पाने की शिकायत के बाद बेटे को चेकअप के लिए मेरठ ले जाया गया. डॉक्टर ने कहा कि लड़का सामान्य है. पत्रकारों सहित कई लोगों द्वारा उससे स्कूल की घटना के बारे में पूछने पर वह परेशान हो गया.
शिक्षा विभाग आया बच्चे की मदद के लिए आगे
घटना में शामिल स्कूल टीचर तृप्ता त्यागी से समझौते के बारे में पूछे जाने पर पिता ने कहा कि उनके साथ कोई समझौता नहीं होगा. इस बीच, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लड़के को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में दाखिला दिया जाएगा, बशर्ते उसका परिवार इसके लिए सहमत हो. उन्होंने कहा कि विभाग खब्बूपुर गांव में पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले अन्य छात्रों के स्थानांतरण की भी सुविधा प्रदान करेगा, जहां शुक्रवार को घटना हुई थी. मुज़फ्फरनगर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने पीटीआई को बताया, "जिस लड़के को थप्पड़ मारा गया.
उसके पिता नहीं चाहते कि उनका बेटा उस स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखे. खंड शिक्षा अधिकारी ने लड़के से बात की और उसने गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने की इच्छा व्यक्त की. सोमवार को उनका नामांकन सरकारी स्कूल में किया जाएगा, बशर्ते उनका परिवार ऐसा करने को तैयार हो."