उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के लिए सभी सियासी दल अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रहे हैं. सभी दल प्रत्याशियों के ऐलान में जातीय संतुलन को साधने का भरसक प्रयास कर रहे हैं. राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने भी टिकट बंटवारे में जातीय समीकरण पर खास जोर दिया है. सपा ने टिकट बंटवारे में गैर यादव ओबीसी पर बड़ा दांव चला है. ऐसा मालूम पड़ता है कि सपा भी बीजेपी की तरह ओबीसी पर फोकस कर रही है.
सपा गठबंधन (राष्ट्रीय लोकदल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी समेत) ने अब तक 192 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. इनमें सबसे ज्यादा 79 सीटें ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को दी गई हैं. सपा ने पिछड़ी जातियों पर दांव खेला है. आइए जानते हैं सपा की सूची के जातीय समीकरण के बारे में...
समाजवादी पार्टी ने सूची में 79 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिसमें 20 यादव और 59 गैर यादव ओबीसी शामिल हैं. इससे मालूम होता है कि पार्टी अपने परंपरागत यादव वोट बैंक के साथ गैर यादव ओबीसी वोटों पर भी ज्यादा फोकस कर रही है. साथ ही टिकट बंटवारे में सवर्णों को करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी देकर सपा की कोशिश बीजेपी के अगड़ी जातियों के वोटबैंक में सेंधमारी की है. 41 दलितों और 36 मुस्लिमों (करीब 20 प्रतिशत) को भी पार्टी ने टिकट दिया है.
सपा ने 14 ब्राह्मणों को भी उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा 10 कायस्थ/बनिया, 7 ठाकुर, तीन सिख और दो अन्य प्रत्याशियों पर भी दांव लगाया है. टिकट वितरण में सवर्णों (ब्राह्मण+ठाकुर+कायस्थ/बनिया) की हिस्सेदारी 16.14 फीसदी है.
अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने अपने सहयोगी दल जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को कुल 32 सीटें दी हैं. इन 32 सीटों पर भी दांव पिछड़ी जातियों पर है. 13 सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार उतारे गए हैं, जिसमें 9 जाट, 3 गुर्जर और एक सैनी शामिल है. साथ ही 8 दलितों, 5 मुस्लिमों, 3 ब्राह्मण, 2 ठाकुर और 1 बनिया को टिकट दिया गया है. सपा अपने 5 प्रत्याशी RLD से लड़ा रही है.