यूपी पंचायत चुनाव पर मिली गुड न्यूज, प्रधान, BDC से जिला पंचायत तक का ब्योरा तलब, SIR के साथ फाइनल वोटर लिस्ट

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026 के लिए पंचायती राज विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. यूपी में एसआईआर यानी वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सकती है.

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UP Panchayat Chunav 2026: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव
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  • पंचायत चुनाव 2026 के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के कार्यकाल का विवरण मांगा गया है
  • पंचायत चुनाव मई 2026 तक पूरा होना आवश्यक है, जिसके लिए चुनाव घोषणा और आचार संहिता लागू होगी
  • चुनाव में ओबीसी, एससी-एसटी और महिला आरक्षण के लिए सीटों का निर्धारण राज्य निर्वाचन आयोग करेगा
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लखनऊ:

UP Panchayat Election Date 2026: यूपी पंचायत चुनाव की कवायद तेज हो गई है. पंचायती राज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों से पंचायतों, ब्लॉक और जिला पंचायतों का ब्योरा तलब किया है. ग्राम पंचायत के प्रधानों, सदस्यों, क्षेत्र पंचायत और उसके सदस्यों के साथ जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल कब शुरू हुआ था और कब खत्म हो रहा है, इसका डेटा मांगा गया है. जिलावार ये रिकॉर्ड मिलने के बाद पंचायती राज विभाग प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा. अगर यूपी पंचायत चुनाव 2026 में सही समय पर नहीं होते हैं तो इन पंचायतों या ब्लॉकों के कामकाज की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपनी पड़ेगी. अधिकांश पंचायतों का कार्यकाल मार्च, अप्रैल तक पूरा हो सकता है. पिछली बार मई में चुनाव कराए गए थे, लिहाजा कोई और अड़चन नहीं आई तो अगले साल इसी समय पर चुनाव कराए जा सकते हैं.  

पंचायत, बीडीसी और जिला पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो रहा

पंचायत चुनाव वैसे तो पार्टी के आधार पर नहीं लड़ा जाता, लेकिन परोक्ष तौर पर बीजेपी, सपा, कांग्रेस या अन्य दल प्रधान पद, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं या पार्टी समर्थित प्रत्याशी उतारे जाते हैं. पंचायत चुनाव में इसी जीत-हार के आधार पर पार्टियां अपना-अपना दावा भी करती हैं. पंचायत चुनाव का कार्यकाल खत्म होने का समय नजदीक आता देख मौजूदा प्रधानों, बीडीसी और जिला पंचायतों ने विकास कार्यों की रफ्तार तेज कर दी है, ताकि जनता की नाराजगी दूर की जा सके. वहीं दावेदारों ने संपर्क अभियान भी अभी से तेज कर दिया है. 

ब्लॉक लेवल पर तैयार हो रहा ये डेटा

  • ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत का नाम
  • पंचायत या ब्लॉक की पहली बैठक किस तिथि को हुई
  • विकासखंड का नाम, कार्यकाल कब तक
  • जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष का कार्यकाल

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव कार्यक्रम कब

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव का कार्यक्रम कार्यकाल के हिसाब से 25 मई 2026 के पहले पूरा किया जाना जरूरी है. फरवरी के अंत में या मार्च के प्रारंभ में फाइनल वोटर लिस्ट आने के बाद पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है. इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. यूपी में ग्राम पंचायतों के प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव कराया जाना है. 

पंचायत चुनाव आरक्षण की प्रक्रिया

वोटर लिस्ट फाइनल होने के साथ राज्य निर्वाचन आयोग ओबीसी, एससी-एसटी और महिला आरक्षण को लेकर सीटों की स्थिति स्पष्ट करेगा. ताकि उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की तरह कहीं पंचायत चुनाव आरक्षण की लिस्ट उलझ न जाए. राज्य निर्वाचन आयोग पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और महिला आरक्षण के लिए सीटें भी निर्धारित करेगा.

चुनाव प्रचार खर्च सीमा

ग्राम प्रधान  चुनाव खर्च सीमा अभी 1.25 लाख रुपये निर्धारित है.जिला पंचायत सदस्य उम्मीदवार के चुनाव प्रचार खर्च की सीमा 2.5 लाख रुपये है.जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव प्रचार खर्च सीमा सात लाख तक है.  

EVM नहीं बैलेट पेपर से पंचायत चुनाव

ईवीएम की जगह पंचायत चुनाव में बैलेट पेपर से मतदान होता है. ऐसे में बैलेट पेपर की प्रिंटिंग का काम भी जल्द शुरू करना पड़ेगा.चुनाव आयोग ने नामांकन पत्र और जमानत राशि का शुल्क भी बढ़ाया है.

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ग्राम प्रधान का चुनाव कब होगा

यूपी पंचायत चुनाव 2026 की बात करें तो ये त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव होंगे. इसमें ग्राम पंचायत (प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य), क्षेत्र पंचायत में BDC और जिला पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव शामिल है. जिला पंचायत सदस्य मिलकर जिला पंचायत अध्यक्ष और बीडीसी मिलकर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते हैं.

ये भी पढ़ें - यूपी पंचायत चुनाव कब होंगे? SIR के बाद चुनाव आयोग ने कसी कमर, ग्राम प्रधान, BDC और जिला पंचायत चुनाव की तैयारी

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यूपी पंचायत चुनाव 2021 रिजल्ट

यूपी पंचायत चुनाव 2021 रिजल्ट की बात करें तो जिला पंचायत स्तर पर 3050 सीटों से से 750-750 के करीब करीब सीटों पर भाजपा और सपा ने जीत का दावा किया था. जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों ने 1080 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीता था. कांग्रेस महज 125 पर अटक गई थी. कोरोना काल के बाद ये चुनाव हुआ था.

यूपी में एसआईआर का काम तेज

उत्तर प्रदेश में कुल वोटर 15 करोड़ से अधिक है. राज्य में अभी एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची के शुद्धिकरण का काम चल रहा है. इसमें मृत व्यक्तियों, डुप्लीकेट वोटर और दूसरे राज्यों में स्थायी तौर पर बस गए लोगों के नाम हटाए जाने हैं. साथ ही 18 साल से अधिक उम्र के सभी नए वोटरों का नाम जोड़ा जाना है. मौजूद वोटरों में 99.9 फीसदी वोटरों की लिस्ट का डिजिटाइजेशन हो चुका है. 

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तीन करोड़ मतदाताओं का रिकॉर्ड नहीं

मौजूदा मतदाता संख्या के हिसाब से 2.9 करोड़ वोटरों का रिकॉर्ड नहीं मिला है. इनमें से करीब 1.27 करोड़ मतदाता दूसरे राज्यों में जाकर बस गए हैं. जबकि 45.95 लाख मतदाता अब जिंदा नहीं है. करीब 24 लाख डुप्लीकेट नाम पाए गए हैं. वहीं 9.6 लाख वोटरों ने अभी फॉर्म भरकर जमा नहीं किए हैं. 85 लाख वोटरों अपने मौजूद अंकित पते पर नहीं मिले हैं. हालांकि वोटर लिस्ट रिवीजन यानी एसआईआर को चुनाव आयोग ने दो हफ्ते बढ़ा दिया है, जिससे लापता वोटरों को खोजना और बाकी आवेदन फॉर्म को भरना आसान होगा. 

आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं तो क्या करें

किसी पात्र व्यक्ति का नाम अगर उसके पोलिंग बूथ से जुड़ी वोटर लिस्ट में नहीं है तो उन्हें फॉर्म 6 भरना होगा. हालांकि 80 फीसदी से अधिक इनरोलमेंट फॉर्म अब तक जमा हो चुके हैं. नए मतदाताओं को वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनानी होगी.

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यूपी में वोटर लिस्ट रिवीजन में क्या-क्या

  • 2.9 करोड़ वोटरों का रिकॉर्ड नहीं
  • 45.95 लाख मतदाता मृत 
  • 85 लाख मतदाता अनुपस्थित मिले
  • 24 लाक डुप्लीकेट नाम पाए गए
  • 9.6 लाख फॉर्म अभी जमा नहीं

SIR की आखिरी तारीख

  • 26 दिसंबर तक चलेगा वोटर लिस्ट रिवीजन
  • 31 दिसंबर ड्रॉफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 
  • 30 जनवरी 2026 तक दावे-आपत्ति दी जा सकेंगी
  • 31 दिसंबर से 21 फरवरी 2026 तक दावे-आपत्ति निस्तारण
     
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