UP: बच्चों से कलमा पढ़ाने वाले स्कूल के प्रबंध निदेशक के खिलाफ केस दर्ज

एक बच्चे के अभिभावक द्वारा यह ट्वीट किए जाने के बाद कि दो दशक पुराने संस्थान में बच्चों को कलमा तैय्यब का गायन करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, यह विवाद पैदा हुआ.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक निजी स्कूल में सुबह की प्रार्थना के दौरान बच्चों को कलमा पढ़ने के लिए बाध्य किए जाने पर अभिभावकों की आपत्ति के बाद स्कूल के प्रबंध निदेशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. सहायक पुलिस आयुक्त (सीसामऊ) निशंक शर्मा ने कहा कि फ्लोरेस्ट इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंध निदेशक सुमित माखीजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए और उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध कानून, 2021 की धारा 5(1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा कि एक बच्चे के पिता रवि राजपूत की शिकायत पर सीसामऊ पुलिस थाना में यह मामला दर्ज किया गया है और इस मामले में जांच शुरू की गई है. कानपुर के जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह भी मंगलवार को उस स्कूल में पहुंचे और माखीजा तथा अन्य लोगों से इस संबंध में पूछताछ की. सिंह ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है और उन्हें स्कूल और इसके भवन के संबंध में दस्तावेज जमा करने के लिये भी कहा गया है.

सुमित माखीजा ने फोन पर बताया, “बच्चों के अभिभावकों की आपत्ति के बाद सुबह की सभा के दौरान हमने धार्मिक प्रार्थना रोक दी है. विश्व हिंदू परिषद और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद हमने सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया था. स्कूल को और दो दिन मंगलवार और बुधवार को बंद रखने का निर्णय किया गया है.” स्कूल प्रबंधन ने इस बीच कहा कि सर्व धर्म सम्मान दर्शन के तहत सुबह की सभा के दौरान गायत्री मंत्र और गुरुबानी का गायन भी किया जाता है.

एक बच्चे के अभिभावक द्वारा यह ट्वीट किए जाने के बाद कि दो दशक पुराने संस्थान में बच्चों को कलमा तैय्यब का गायन करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, यह विवाद पैदा हुआ. एसीपी (सीसामऊ) निशंक शर्मा ने बताया कि यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने के तुरंत बाद इसकी सूचना जिला मजिस्ट्रेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा की गई.

उन्होंने कहा, “हमने सुमित माखीजा से पूछताछ की और उसने स्पष्ट किया कि चार धर्मों की प्रार्थना सुबह की सभा के दौरान बच्चों से कराई जाती थी. स्कूल गायत्री मंत्र, गुरुबानी और दुआ के गायन को प्रोत्साहित करता रहा है जिससे बच्चे यह सीख सकें कि सभी धर्म समान हैं. यह व्यवस्था एक दशक से भी अधिक समय से है.”
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Vaishali Murder Case: बेबस बदनसीब बाप! ससुराल की चौखट पर जलानी पड़ी बेटी की चिता | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article