उत्तर प्रदेश सरकर ने करीब तीन हजार डॉक्टरों के पदों को भरने की घोषणा की थी, लेकिन स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग के जिले गाजियाबाद में डॉक्टरों की कमी से मरीज ही नहीं सरकारी डॉक्टर खुद भी परेशान हैं. जिले में दो बड़े सरकारी अस्पताल में सालों से डॉक्टर की कमी है. गाजियाबाद संयुक्त जिला अस्पताल में इस समय 38 डॉक्टर होने चाहिए लेकिन महज 18 ही काम कर रहे हैं. ऊपर से VVIP के आने पर दो डॉक्टरों को ये ड्यूटी भी करनी पड़ती है. संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ. संजय तेवतिया ने बताया, "हमारे यहां डॉक्टरों की कमी है, 38 के बजाए 18 ही हैं. इस बाबत मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रशासन को भी पत्र लिखा है. एक एक डॉक्टर को दो-दो ड्यूटी करनी पड़ती है. मरीजों को भी दिक्कत होती है, कई बार शासन को पत्र लिखा जा चुका है.
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रोज इस सरकारी अस्पताल में आने वाले 1500 गरीब मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. दूर दराज से आने वाले मरीज डॉक्टर न मिलने की वजह से परेशान होकर लौटते हैं. शास्त्री नगर से परिवार के साथ आए राजेश ने बताया कि हम यहां दिखाने के लिए थे, सीटी स्कैन करवाया है अब बता रहे हैं कोई डॉक्टर नहीं है.
गाजियाबाद में संयुक्त जिला अस्पताल के अलावा 1 MMG सरकारी अस्पताल के हालात भी ऐसे ही हैं. ये गाजियाबाद का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है और यहां तीन हजार मरीज रोज आते हैं, लेकिन यहां भी सीनियर डॉक्टर्स दूसरे कामों में व्यस्त रहते हैं, जिसके चलते इंटर्न ही ज्यादातर मरीज देखते हैं. MMG अस्पताल के CMO Dr अनुराग भार्गव ने पहले तो डॉक्टरों की कमी की बात नहीं मानी लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि यहां भी 32 डाक्टरों के बजाए 23 ही हैं. उन्होंने कहा, "यहां 32 के बजाए 23 डॉक्टर हैं, कार्डियलॉजिस्ट कोई नहीं है, लिखा पढ़ी हो चुकी है डॉक्टर भी आ रहे हैं."
उधर महिला चिकित्सालय में भी करीब 400 महिला मरीज रोज आती हैं, लेकिन यहां भी महिला रोग डॉक्टर का तबादला हो चुका है. ये हाल NCR के गाजियाबाद जिले और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग के गृह जिले का है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं कैसी होंगी.