प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023' (UP Global Investors Summit)की शुरुआत की. 10 से 12 फरवरी यानी 3 दिन तक चलने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में आयोजन किया जा रहा है. यूपी सरकार (UP Government) का दावा है कि यह देश की सबसे बड़ी समिट है. इसमें 16 देश की 340 कंपनियां शामिल हुई हैं. इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि योगी सरकार कड़े फैसले लेने के लिए जानी जाती है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हाल के दिनों में कई कड़े फैसले लिए हैं, जिसका लाभ उनकी सरकार को मिलते हुए दिखाई दे रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023' का तीन दिवसीय मेगा इंवेंट यूपी का भाग्य बदलने वाला है. आने वाले तीन साल बहुत शुभ होने वाले हैं. आज यूपी में वे सभी चीजें हैं जो किसी भी राज्य में उद्योगों के विकास के लिए जरूरी होती हैं. कानून व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति मजबूत हुई है. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि ओडीओपी आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनकर उभरी है. सेशन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मंत्री जितिन प्रसाद, राकेश सचान, दयाशंकर, जेपीएस राठौर आदि मौजूद थे.
यूपी में विकास की अपार संभावनाएं
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यूपी में विकास की अपार संभावनाएं हैं. देश को फाइव ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य की अहम भूमिका हो सकती है. यूपी की संभावना को देखते हुए बड़ी संख्या में निवेशक राज्य में निवेश कर रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार में लखनऊ में निवेशक आने को तैयार नहीं थे, इस वजह से दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट की गई थी.
यूपी को बढ़ाने का मतलब विकास को गति देना
उन्होंने कहा कि एमएसएमई (लघु व मध्यम उद्योग) ही वो बीज है जो भारत की सबसे बड़ी विकास की कारक होती है. आज की एमएसएमई में ही कल की सबसे बड़ी कंपनी इंडस्ट्री छिपी है. यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई है. कई सारी नीतियां बजट के अनुसार बनाई गई हैं. यूपी सरकार पर एक भी आरोप नहीं हैं. हर दृष्टि से यूपी का महत्व है. उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का मतलब है, देश के विकास को गति देना. यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आए निवेश से भारत के विकास में मदद मिलेगी.
ओडीओपी आज आत्मनिर्भर भारत आधारशिला
सीएम योगी ने सेशन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पूरे देश में सबसे बड़ा आधार रखता है. प्रदेश में लगभग 98 लाख एमएसएमई इकाइयां मौजूद हैं, लेकिन ये सभी यूनिट वर्ष 2017 से पहले उपेक्षित थीं और दम तोड़ रहीं थीं. ऐसे में लोग इसे बंद करके पलायन कर रहे थे. इस पर भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2016 में इसे दोबारा जीवित करने के लिए उस समय के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने जनता के लिए समर्पित लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसे विशेष तरजीह दी.
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना काल खंड में बड़े पैमाने पर प्रदेश में कामगार और श्रमिक आ रहे थे, इसको लेकर प्रदेश का हर व्यक्ति चिंतित था. उस समय प्रदेश में देश के विभिन्न राज्यों से 40 लाख कामगार और श्रमिक प्रदेश में आए. ऐसे में उस स्थितियों में प्रदेश की एमएसएमई यूनिट के संचालकों और कई संस्थाओं ने आगे आ करके सरकार के साथ मिल करके काम शुरू किया, जिसके फलस्वरूप उनकी स्किल्ड मैपिंग कराई गई और किसी न किसी एमएसएमई यूनिट में एक दो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया.
एमएसएमई देश को नया आयाम देने में निभा सकती है बड़ी भूमिका
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में एमएसएमई का जो कल्स्टर है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजनरी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए वैश्विक स्तर पर लोगों को निवेश की ओर आकर्षित कर रहा है. प्रदेश की एमएसएमई यूनिट देश को नया आयाम देने के लिए सहकारिता आंदोलन के रूप में प्रभावी भूमिका का निवर्हन कर सकती है. आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने के लिए एमएसएमई और सहकारिता महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं. यह तय करने की दृष्टि से यह सेशन ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है.
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