UP Election Result 2022: BJP खेमे का अकेला मुस्लिम उम्मीदवार पस्त, जेल में बंद सपा नेता के बेटे ने दी करारी शिकस्त

यूपी चुनाव में एनडीए के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को हार का सामना करना पड़ा है. सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से उन्हें करारी शिकस्त दी.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
यूपी चुनाव में एनडीए के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैदर अली खान हारे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बाद नई सरकार के गठन की कवायद तैयारी तेज हो गई है. इस चुनाव में बीजेपी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. हालांकि, एनडीए खेमे में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने रामपुर की स्वार सीट से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा था. अफसोस, चुनावी मैदान में एनडीए के उम्मीदवार हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें हराया आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने. गुरुवार को आए चुनाव नतीजों में बीजेपी ने 255 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि सपा को मात्र 111 सीटों पर संतोष करना पड़ा.

एनडीए के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हमजा मियां को रामपुर के सबसे चर्चित नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने करारी शिकस्त दी. अब्दुल्ला आजम ने 61 हजार से ज्यादा वोटों से हैदर अली खान को हराया. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम को 1,26,162 वोट मिले जबकि हमजा मियां को 65,059 मत हासिल हुए. 

हैदर अली खान नवाब खानदान से ताल्लुक रखते हैं. वह पूर्व मंत्री और हालिया विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के बेटे हैं. रामपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नवेद मियां भी चुनाव हार गए हैं. इस सीट पर जेल में बंद सपा के दिग्गज नेता आजम खान विजयी हुए हैं. कहा जाता है कि सपा नेता आजम खान और नवाब खानदान के बीच छत्तीस का आंकड़ा है.

Advertisement

स्वार सीट पर मुख्य मुकाबले में शुरू से आखिर तक सिर्फ सपा और बीजेपी ही दिखी. कांग्रेस और बसपा समेत अन्य उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई. बीएसपी के उम्मीदवार अध्यापक शंकर लाल को 15,035 वोट जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राम रक्षा पाल सिंह उर्फ राजा ठाकुर को केवल 1139 वोटों से संतोष करना पड़ा.

Advertisement

क्या होती है जमानत राशि 
दरअसल, चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को एक तय राशि चुनाव आयोग के पास जमा करानी होती है. इसे ही जमानत राशि कहते हैं. हर चुनाव के लिए जमानत राशि अलग-अलग होती है. जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के सेक्शन 34 1(a) के तहत लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25,000 रुपये जमा करने होते हैं जबकि विधानसभा चुनाव लड़ने की सूरत में 10,000 रुपये सिक्योरिटी अमाउंट जमा करना होता है. अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार के लिए यह रकम क्रमश: 12,500 और 5,000 है. 

Advertisement

चुनाव आयोग की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट

किस आधार पर जब्त होती है जमानत राशि
जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 158 में जमा राशि की जब्ती की वापसी की शर्तों का जिक्र किया गया है. दरअसल, किसी प्रत्याशी को उस निर्वाचन क्षेत्र में पड़े कुल वैध मतों के 1/6 से कम वोट (यानी 16.66 प्रतिशत) मिलते हैं तो उसकी जमानत रकम जब्त कर ली जाएगी. स्वार सीट पर कुल 213160 वोट पड़े. इसका छठवां हिस्सा 30 हजार से अधिक बैठता है.

Advertisement

- ये भी पढ़ें -

* इन सीटों पर BJP-सपा के बीच रही कांटे की टक्कर, जीत का मार्जिन 1,000 वोटों से भी कम
* BJP के इस उम्मीदवार ने 2 लाख वोट से जीत हासिल कर बनाया रिकॉर्ड, योगी समेत ये नेता पाए बंपर वोट
* सपा गठबंधन के 34 मुस्लिम प्रत्याशी जीते चुनाव, जानिए किन सीटों पर मिली कामयाबी, पूरी LIST

VIDEO: 'मैं नेवला हूं और फिराक में रहूंगा कि BJP रूपी नाग को खत्म कर दूं' : हार के बाद बोले स्वामी प्रसाद मौर्य

Featured Video Of The Day
Mary Kom ने Child Marriage समाप्त करने के लिए जागरूकता और कार्रवाई का आह्वान किया