किसानों का गढ़ कहलाने वाले पश्चिमी UP से शुरू हुआ चुनावी 'महासमर' : 10 अहम बातें

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज गुरुवार को मतदान शुरू हो गया है. मतदान राज्य के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर हो रहा है.

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UP Election : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज गुरुवार को मतदान शुरू हो गया है.

नई दिल्ली:

UP Assembly Polls 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज गुरुवार को मतदान शुरू हो गया है. मतदान राज्य के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर हो रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि पश्चिमी यूपी को किसानों का गढ़ कहा जाता है. इस बार सभी पार्टियों ने अपने घोषणापत्र में किसानों के आर्थिक विकास पर फोकस किया है.

  1. साल 2017 में भाजपा ने भारी बहुमत के साथ यूपी में सत्ता हासिल की थी. इस बीच कोरोना महामारी के दौरान राज्य के अस्पतालों में कुव्यवस्था को लेकर सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. गंगा के किनारे मिले सैकड़ों शवों की वजह से सरकार की काफी किरकरी हुई थी. 
  2. इस चुनाव में भाजपा की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने कई छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जो कि मुकाबले को और अधिक दिलचस्प बना सकता है.समाजवादी पार्टी इस बार मुस्लिम और यादव वोटरों को अपनी तरफ लाने की हर कोशिश कर रही है. 
  3. इस चुनाव में सपा ने रालोद के साथ गठबंधन किया है. राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी हैं, जिनका 30 से अधिक सीटों पर प्रभाव बताया जा रहा है.
  4. यह चुनाव कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए भी एक बड़ी परीक्षा है. चार साल पहले राहुल गांधी ने प्रियंका को यूपी जीतने का काम सौंपा था.
  5. इस चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी अहम भूमिका निभा सकती है. बसपा का दलित वोटरों के बीच गहरी पैठ है. जीत-हार के नतीजों पर यह पार्टी गहरा असर डाल सकती है. 
  6. साल 2013 की मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद से वोटिंग का पैटर्न काफी हद तक बदल गया था. भाजपा के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह ने 2016 में ग्राउंड जीरो तक जाकर कैराना में प्रचार किया था. हालांकि, इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार विपक्षी समाजवादी पार्टी पर पाकिस्तान के समर्थक होने का आरोप लगाया है. 
  7. भाजपा ने साल 2017 के चुनावों में इस क्षेत्र की 58 सीटों में से 91 प्रतिशत पर जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बीच किसानों का आंदोलन भी देखने को मिला. किसानों ने सरकार का विरोध भी जताया. इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प देखने को मिल सकता है. 
  8. लखीमपुर खीरी की घटना काफी चर्चा में रही, जहां कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे द्वारा प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया गया था. किसान सरकार पर मंत्री के बेटे के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई का आरोप लगाते रहे हैं. 
  9. पीएम मोदी ने जयंत चौधरी और अखिलेश से जुड़े सवाल पर समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "ये दो लड़कों वाला खेल हमने पहले भी देखा था. बाद में जनता ने इन्हें खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जनता ने हमें 2014, 2017 और 2019 में स्वीकार किया. इस बार भी जनता हमें ही स्वीकार करेगी.
  10. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी. चार अन्य राज्यों गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड में भी चुनाव के नतीजे भी इसी दिन घोषित किए जाएंगे. 
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