Ground Report: आज़म खान के बेटे अब्दुला नॉमिनेशन तो फाइल करें, तब हम बताएंगे... : NDTV से रामपुर के कांग्रेस प्रत्याशी नावेद मियां

रामपुर के नवाब और कांग्रेस प्रत्याशी नावेद मियां की आजम खान से पुरानी दुश्‍मनी है. आज़म खान और उनके बेटे की सियासी डगर में नावेद मियां ने अब तक कई कानूनी अड़चनें पैदा की हैं.

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रामपुर में कभी कद्दावर नेता रहे आजम खान घिरे हैं कई चुनौतियों से

रामपुर:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में रामपुर (Rampur) रियासत के दो नवाबजादों की ख़ास चर्चा हो रही है. ये हैं नावेद मिंया (Naved Miya) और उनके बेटे नवाबज़ादा हमज़ा (Nawabzada Hamza) . नावेद मिंया आजम खान के खिलाफ रामपुर सदर से कांग्रेस (Congress) के प्रत्याशी हैं और उनके बेटे हमज़ा अपना दल के टिकट से स्वार विधानसभा से आज़म खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुला आज़म ( Abdullah Azam) के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में है. लेकिन नावेद मिंया को आज़म खान और उनके बेटे के नामांकन का बेसब्री से इंतज़ार क्यों है?

NDTV को इसका जवाब देते हुए रामपुर सदर से कांग्रेस प्रत्याशी, नावेद मियां कहते हैं हर चीज लीगल होनी चाहिए. पहले वो नॉमिनेशन फाइल करें तब हम बताएंगे. उनके नॉमिनेशन चेक करेंगे. वो एक पब्लिक डॉक्यूमेंटरी है. कानूनी लड़ाई तो लड़ेंगे ही.

रामपुर के नवाब और कांग्रेस प्रत्याशी नावेद मियां की आजम खान से पुरानी दुश्‍मनी है. आज़म खान और उनके बेटे की सियासी डगर में नावेद मियां ने अब तक कई कानूनी अड़चनें पैदा की हैं.

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आज़म खान, उनके बेटे अब्दुला और परिवार पर इस वक्त 200 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. इसी वजह से आज़म खान और उनके बेटे के नामांकन का सबसे ज्यादा इंतजार उनके विरोधियों को है.

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कभी सबसे ताकतवर नेता रहे आज़म खान के बेटे अब्दुला आज़म अपनी आप बीती सुनाते सुनाते रो पड़ते हैं. अब्दुला और उनकी मां जेल से बाहर हैं लेकिन आजम खान अभी जेल में हैं. खुद अब्दुला आजम स्वार विधानसभा से और आजम खान का रामपुर सदर से चुनाव लड़ने का इरादा है...लेकिन उनकी राह में रोड़ा हैं कई मुकदमे. आज़म खान पर 102 मुकदमे हैं. पत्नी तनज़ीम पर 34 मुकदमे हैं. बेटे अब्दुला पर 44 मुकदमे हैं. बड़े बेटे अदीब पर 31 मुकदमे हैं

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आज़म खान पर अकेले 80 से ज्यादा केस दर्ज करवाने वाले आकाश सक्सेना रामपुर सदर से BJP के टिकट पर लड़ रहे हैं. आकाश सक्सेना के हाथों में अब्दुला आजम की जन्मपत्री हमेशा रहती है और उनके साथ Y श्रेणी के सुरक्षागार्ड भी. आकाश पेशे से बिजनेसमैन हैं लेकिन आजम खान से सियासी दुश्मनी निकालने के लिए कानून इतना पढ़ा कि कई बार वो खुद सुप्रीम कोर्ट तक में बहस कर चुके हैं.

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आकाश सक्सेना कहते हैं, "मेरे जितने भी केस आजम के खिलाफ हैं वो सब बारीकी से जांच के बाद दर्ज हुए हैं. न्यायालय ने कहा कि पैन और बर्थ सार्टिफिकेट फर्जी है और उनकी विधायकी चली गई.

आजम खान बीमारी की हालत में फिलहाल जेल में हैं बाकी परिवार भूमिगत लेकिन सियासी दुश्मन आज़म खान के परिवार को एक बार फिर कानूनी लड़ाई में उलझाने के लिए तैयार बैठे हैं.