उत्तर प्रदेश(UP) की योगी आदित्यनाथ सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री मोहसिन रज़ा( Mohsin Raza) का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुसलमानों को मुख्यधारा में लाने के सार्थक प्रयास किए हैं. मोहसिन रज़ा ने समाजवादी पार्टी ( SP), बहुजन समाजवादी पार्टी( BSP) और कांग्रेस( Congress) पर मुसलमानों को 'राजनीतिक बंधुआ' बनाने का आरोप लगाया. मोहसिन रज़ा ने कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने डर और नफरत की सियासत की लेकिन इन पार्टियों के विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने मुसलमानों को मुख्यधारा लाई है.
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उत्तर- प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण और हज राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा, ''भाजपा पर अक्सर मुस्लिम विरोधी होने और नफरत की राजनीति करने का आरोप लगता है मगर घृणा की राजनीति तो सपा, कांग्रेस समेत उन दलों ने की, जो खुद को मुसलमानों का रहनुमा बताते हैं. इन पार्टियों ने मुसलमानों को अपना राजनीतिक बंधुआ बनाया.''
उन्होंने दावा किया ''योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुसलमानों को मुख्यधारा में लाने के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाया. वाजपेई ने मदरसों में तालीम लेने वाले छात्रों के लिए एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर की परिकल्पना की थी. राज्य सरकार ने इसे अमल में लाने के लिए मदरसा शिक्षा में बुनियादी बदलाव किए, ताकि मुस्लिम समाज के बच्चे भी आईएएस और आईपीएस समेत विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं में आगे बढ़ सकें और मुस्लिम समाज का सशक्तिकरण हो.''
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रज़ा ने कहा ''1947 में आजादी के बाद से आज तक मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक ही बनाकर रखा गया. उन्हें कभी मुख्यधारा में आने ही नहीं दिया गया. इसके लिए उनकी शिक्षा, रोजगार और यहां तक कि उनकी सोच को भी एक दायरे में बांध दिया गया. यही वजह है कि आज उनकी हालत एकदम गयी-गुज़री है.''
उन्होंने आरोप लगाया ''सपा, बसपा, कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति कर मुस्लिम कौम का बहुत बड़ा नुकसान किया और उसे बाकी मजहबों के मानने वालों के मुकाबले खड़ा कर दिया. इससे अन्य वर्गों में मुसलमानों के प्रति दुर्भावना पैदा हुई और तथाकथित मुस्लिम परस्त सियासी ताकतों ने अपने फायदे के लिये इस आग को हवा दी.''
रज़ा ने कहा कि भदोही के कालीन हों या बनारस की साड़ी, मुरादाबाद के पीतल का सामान हो या फिर फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग, उत्तर प्रदेश की परंपरागत कलाओं से मुस्लिम समाज को ही सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है, लिहाजा प्रदेश सरकार की 'एक जिला एक उत्पाद योजना' से मुसलमानों को ही सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने दावा किया ''प्रदेश में पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 44 लाख मकानों में से करीब 12 लाख घर मुस्लिम समाज को आवंटित हुए हैं. मुफ्त राशन योजना के तहत मुसलमानों को भी बिना किसी भेदभाव के अनाज दिया जा रहा है. सभी सरकारी योजनाओं का फायदा भी जितना हिंदुओं को मिल रहा है उतना ही मुसलमानों को भी प्राप्त हो रहा है.''
रज़ा ने कहा ''मुसलमान अंदाजा लगाएं कि किसने उन्हें वोट बैंक समझकर सिर्फ इस्तेमाल किया और कौन उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहा है. उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को खुले जहन से सही गलत का फैसला करना होगा क्योंकि यह चुनाव उनके भविष्य को तय करेगा.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)