प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली. मोदी मंत्रिमंडल में सबसे ज़्यादा मंत्री यूपी से बनाये गये हैं. बावजूद इसके यूपी की हिस्सेदारी केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहले से घटी है. मोदी सरकार 2.0 में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा लोकसभा चुनाव जीतकर मंत्री बनने वालों की संख्या 12 थी. इस बार पीएम के अलावा कुल 9 मंत्री मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं.
पिछली बार यूपी से बनाये गये थे 12 मंत्री
मोदी मंत्रिमंडल में इस बार राजनाथ सिंह, जयंत चौधरी, अनुप्रिया पटेल, जितिन प्रसाद, पंकज चौधरी, एसपी सिंह बघेल, बीएल वर्मा, कीर्तिवर्धन सिंह और कमलेश पासवान को शामिल किया गया है. पिछली बार मोदी सरकार में यूपी से 12 मंत्री बनाये गये थे. इनमें से सात मंत्री इस बार चुनाव हार गये. चुनाव हारने वाले मंत्रियों में स्मृति ईरानी, महेंद्र पांडेय, अजय मिश्रा टेनी, निरंजन ज्योति, भानु प्रताप सिंह वर्मा, संजीव बालियान और कौशल किशोर शामिल हैं.
इस बार 10 मंत्री केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा
यूपी से राज्यसभा के सदस्य हरदीप पूरी को भी केंद्र में मंत्री बनाया गया है. ऐसे में अगर हरदीप पूरी को जोड़ें, तो इस बार यूपी से मंत्री बनने वालों की संख्या 10 हो जाती है. हालांकि, राज्यसभा के सदस्यों को जोड़ा जाये तो मोदी के दूसरे कार्यकाल में पीएम के अलावा कुल 14 मंत्री शामिल थे. वहीं इस बार यानी तीसरे कार्यकाल में पीएम के अलावा लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को जोड़कर कुल दस मंत्री केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं.
दलित से सवर्ण तक कई नेताओं को दिया मौका
केंद्र में मंत्री बनाये गये सदस्यों की जातियों पर नज़र डालें, तो इस बार चार ओबीसी, तीन सवर्ण, दो दलित और एक ब्राह्मण को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इनमें दो कुर्मी, एक जाट और एक लोधी ओबीसी समाज से आते हैं. दो दलित में एक पासी और एक गड़ेडिया समाज के मंत्री बने हैं. सवर्ण में दो राजपूत और एक ब्राह्मण को मंत्री बनाया गया है. ओबीसी से जयंत चौधरी, अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी और बीएल वर्मा मंत्री बने हैं. दलित समाज से कमलेश पासवान और एसपी सिंह बघेल, राजपूत वर्ग से राजनाथ सिंह और कीर्तिवर्धन सिंह और ब्राह्मण वर्ग से जितिन प्रसाद शामिल हैं.
बीजेपी को यूपी में इस बार बड़ा नुक़सान
यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद यूपी से आते हैं. वो तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं. ऐसे में निश्चित तौर पर यूपी का दबदबा पीएम की वजह से सबसे ज़्यादा भारी रहा है. 2014 और 2019 की तुलना में इस बार बीजेपी को यूपी में बड़ा नुक़सान हुआ है. 2014 में अकेले बीजेपी को 80 में से 71 सीटें मिली थीं. वहीं, एनडीए का आंकड़ा 73 तक चला गया था. वहीं, 2019 में अकेले बीजेपी को 62 और एनडीए को 64 सीटें मिली थीं. इस बार यानी 2024 में बीजेपी को सिर्फ़ 33 और एनडीए मिलाकर 36 सीटें मिली हैं.
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