उत्तर प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्लेसमेंट दिलाने, करियर काउंसिलिंग, आकांक्षी करियर बनाने के उद्देश्य से मिशन निरामया: (Mission Niramaya) अभियान की शुरुआत होने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) 8 अक्टूबर (शनिवार) को एसजीपीजीआई के कन्वेन्शन सेंटर में इसका उद्घाटन करेंगे. इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह मौजूद रहेंगे.
मिशन निरामया: अभियान के दौरान भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नर्सिंग व पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन पर जोर दिया जाएगा. अभियान के तहत नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्याप्त शिक्षक, सेवारत शिक्षकों का आधार सत्यापन आदि पर फोकस किया जाएगा. वहीं, परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षक दूसरे संस्थान से हों, परीक्षाओं की सीसीटीवी से निगरानी हो पर मंथन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि प्रदेश के कई संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं. इनमें निजी क्षेत्र के संस्थान भी शामिल हैं. इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को अन्य संस्थानों में भी लागू किया जाना चाहिए. इसके लिए मेंटॉर-मेंटी मॉडल को अपनाया जाए. इसकी कार्ययोजना तैयार की जाएगी. अभियान में बेहतर प्रशिक्षण के साथ-साथ बेहतर सेवायोजन पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल से संवाद कर नीति तय करने की दिशा में कार्ययोजना तय की जाएगी, क्योंकि नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज बहुत आवश्यक है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए नर्सिंग व पैरामेडिकल प्रशिक्षण में भी व्यापक बदलाव की जरूरत है. ऐसे में मिशन निरामया: इस क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा. माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्सेज के महत्व व आगे करियर के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि विद्यार्थियों की दिलचस्पी इन कोर्सेज की ओर बढ़ सकें.