उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हाल ही में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंत्रिपरिषद में 27 ओबीसी चेहरों को शामिल करने पर खुशी जताई है और पीएम मोदी के काम की तुलना राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों से की है. सीएम योगी ने इस बारे में लगातार एक के बाद एक कुल पांच ट्वीट किए हैं.
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा है, "आदरणीय PM मोदी जी का नया मंत्रिमंडल वास्तव में संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करता है. हमारे महापुरुषों ने, खासकर बाबा साहब और लोहिया जी जैसे चिंतकों ने देश में जिस जनप्रतिनिधित्व और जनभागीदारी की कल्पना की थी, आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में वो सरकार से लेकर समाज तक साकार हो रही है."
उन्होंने दूसरी ट्वीट में लिखा, "लोहिया जी का मानना था कि पिछड़ों को शक्ति देकर ही परिपक्व लोकतंत्र संभव है. प्रधानमंत्री जी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और OBC नेतृत्व को मंत्रिमंडल में बड़ी भागीदारी देकर देश की जिम्मेदारी भी दी है. लोहिया जी आज होते तो अपने विचार बीज को फलित होते देख हर्ष से भरे होते."
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अगले ट्वीट में सीएम ने लिखा, "आज जब देश इतने बड़े सार्थक और सकारात्मक सामाजिक बदलाव का साक्षी बन रहा है, दुर्भाग्य से कुछ लोग इसमें भी राजनैतिक विरोध कर रहे हैं. ऐसे लोगों को लोहिया जी ने कहा था- "सामाजिक परिवर्तन के बड़े काम जब प्रारंभ होते हैं तो कुछ लोग आवेश में इसका विरोध करते हैं"."
उन्होंने लिखा है, "ये वही लोग हैं जिन्होंने ओबीसी आयोग के गठन का भी विरोध किया था और जिन्होंने बाबा साहब अम्बेडकर को भी अपमानित किया था. इन लोगों ने कभी भी आचार व्यवहार में डॉक्टर लोहिया के एक भी सिद्धांत का पालन नहीं किया."
योगी ने लिखा, "आशा है, आज बाबा साहब और लोहिया जी को मानने वाले आवेश या राजनैतिक स्वार्थ की जगह इस बात को स्वीकार करेंगे कि आदरणीय मोदी जी का 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का मंत्र संविधान की आत्मा को सच्चे अर्थों में चरितार्थ कर रहा है। हम सब इसके लिए प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं."
दरअसल, योगी इनके जरिए मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी लोहिया, कर्पूरी और अंबेडकर के विचारों को आत्मसात कर राजनीति करने का दावा करती रही है, जबकि बीएसपी बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम के विचारों को आदर्श मानती है.
पीएम ने यूपी, उत्तराखंड और गुजरात चुनावों को देखते हुए मंत्रिपरिषद में 27 ओबीसी, 21 दलितों को मंत्री बनाया है. यूपी से सात चेहरों को शामिल किया गया है, इनमें छह ओबीसी और दलित हैं.