करहल में बीजेपी ने अखिलेश के भतीजे के सामने चला जीजा जी दांव, जानिए क्या बन रहे समीकरण

उत्तर प्रदेश उप चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने सात उम्मीदवारों की लिस्ट गुरुवार को जारी की. बीजेपी ने अनुदेश यादव को करहल सीट पर उम्मीदवार बनाया है. करहल में सपा ने तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है. अनुजेश रिश्ते में तेज प्रताप के फूफा लगते हैं.

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नई दिल्ली:

बीजेपी ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव की सात सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया. इसमें करहल विधानसभा सीट भी शामिल है.बीजेपी ने करहल से अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है.करहल में उपचुनाव अखिलेश यादव के इस्तीफे की वजह से कराया जा रहा है. बीजेपी उम्मीदवार अनुजेश रिश्ते में अखिलेश यादव के जीजा लगते हैं. सपा ने करहल में अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में करहल का मुकाबला फूफा और भतीजे का हो गया है. 

धर्मेंद्र यादव ने तोड़ लिया था रिश्ता

अनुजेश यादव की शादी सपा सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन से हुई है.धर्मेंद्र यादव की बहन संध्या यादव 2015 से 2020 तक मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं. वो अखिलेश यादव की सरकार में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थीं. उस समय अजुनेश यादव सपा में ही थे.वो उसी कार्यकाल में फिरोजाबाद में जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे.वो फिरोजाबाद के भारौल गांव के रहने वाले हैं. चुनावों में सपा की हार देखकर अनुजेश ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.अनुजेश मार्च 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे.इसके बाद से धर्मेंद्र यादव ने एक बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने अनुजेश से अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए हैं. इसके बाद दोनों परिवारों में बोलचाल भी बंद है. 

करहल में किसके कितने मतदाता

इस कदम से बीजेपी ने करहल के डेढ़ लाख से अधिक यादव वोटरों में सेंध लगाने की योजना बनाई है. करहल में यादव के बाद सबसे बड़ी जाति शाक्य और मौर्य की है.करहल में बसपा ने अवनीश शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है.इससे वहां ओबीसी वोटों का बंटवारा हो सकता है. बसपा की रणनीति शाक्य और दलित वोटों के जोड़ से करहल को जीतने की है. 

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करहल में क्यों हो रहा है चुनाव

अनुजेश की भी करहल में अच्छी पकड़ है. वहीं सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने करहल में बीजेपी को प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को 67 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. अखिलेश यादव इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद चुने गए हैं. इसके बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.हालांकि सपा ने अखिलेश से पहले कन्नौज से तेज प्रताप को ही उम्मीदवार बनाया था. लेकिन बाद में अखिलेश यादव खुद वहां से चुनाव लड़े.अब उन्होंने करहल से तेज प्रताप को टिकट दिया है. 

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