कौन संभालेगा यूपी में बीजेपी की कमान, प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में आगे ये चेहरे, जानें किसमें कितना दमखम

UP BJP Adhyaksh Name : उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में कई दावेदारों के नाम सामने आए हैं. इसमें दलित चेहरे और ओबीसी समुदाय के नेता भी शामिल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
UP BJP President contenders
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • उत्तर प्रदेश भाजपा से जुड़े तमाम मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए लखनऊ में शीर्ष नेताओं की बैठक भी हुई है
  • दिनेश शर्मा, हरीश द्विवेदी, धर्मपाल सिंह, बीएल वर्मा और रामशंकर कठेरिया प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार
  • प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ओबीसी, दलित या ब्राह्मण समुदाय से किसी नेता को नियुक्त करने पर भी विचार चल रहा है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चयन की कवायद तेज हो गई है. सोमवार शाम को लखनऊ में भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई. संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे, बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल थे और इसमें 2027 के विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर चर्चा हुई. भाजपा सूत्रों का कहना है कि अन्य पिछड़ा वर्ग, दलित या ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस दौड़ में छह नाम अभी रेस में आगे हैं.

दिनेश शर्मा ब्राह्मण चेहरा

पूर्व डिप्टी सीएम और अब राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में आगे है. वो पीएम मोदी के भी काफी भरोसेमंद माने जाते हैं.शांत सौम्य स्वभाव के दिनेश शर्मा का आरएसएस से भी लंबा जुड़ाव रहा है.

हरीश द्विवेदी भी दावेदार

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दूसरा नाम हरीश द्विवेदी का भी दौड़ में है. वो सरकार और संगठन दोनों में काफी अनुभव रखते हैं.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, संघ से लेकर भाजपा तक उनका लंबा सफर रहा है. वो बस्ती जिले से सांसद रहे हैं.

ये भी पढ़ें- यूपी पंचायत चुनाव कब होंगे? SIR के बाद चुनाव आयोग ने कसी कमर, प्रधान, BDC और जिला पंचायत चुनाव की तैयारी

ओबीसी नेता धर्मपाल सिंह

योगी आदित्यनाथ सरकार में धर्मपाल सिंह कैबिनेट मंत्री हैं. वो प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल संभावितों में से एक हैं. वो अन्य पिछड़ा वर्ग में लोध समुदाय से आते हैं, जो यादवों के बाद बड़ा वोट बैंक है. दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

बीएल वर्मा भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में 

भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग नेताओं में केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा भी दावेदारों में शामिल हैं. केंद्र के साथ राज्य में भी काम का उन्हें अनुभव है. वर्मा बदायूं जिले से ताल्लुक रखते हैं और अभी राज्यसभा सदस्य हैं. बीजेपी यूपी में अपने ओबीसी समाज के जनाधार को कतई कम नहीं करना चाहती.  

Advertisement

रामशंकर कठेरिया दलित चेहरा

दलित नेता की प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया का भी नाम है. वो आगरा रीजन से ताल्लुक रखते हैं. वो आगरा से 2009 और 2014 में आगरा से लोकसभा सांसद रहे और 2019 में इटावा लोकसभा सीट से जीते. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इटावा से हार का सामना करना पड़ा. 

विद्या सागर सोनकर का भी नाम

विधानपरिषद सदस्य विद्या सागर सोनकर का नाम भी उभर कर गया है. 40 साल पहले बूथ अध्यक्ष और फिर सभासद के चुनाव में जीत से वो सांसद तक रहे हैं. जौनपुर में जन्मे सोनकर का संघ से लंबा नाता रहा है. वो जिलाध्यक्ष, एससी मोर्चे के अध्यक्ष के साथ प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति में भी रहे हैं.सोनकर के तौर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद की कमान दलित को सौंपकर भाजपा बड़ा संदेश दे सकती है. 2024 के लोकसभा चुनाव में थोड़ा छिटक गए दलितों को 2027 के पहले पाले में लाने की यह बड़ी पहल हो सकती है. राज्य में करीब 21 फीसदी दलित समुदाय के लोग हैं.

Advertisement

सपा के PDA की काट

उत्तर प्रदेश में 2014 के बाद गैर यादव ओबीसी बीजेपी का बड़ा वोटबैंक रहा है. कुर्मी, कुशवाहा, मौर्य, निषाद, लोध समाज का वोट पार्टी को मिलता रहा है. ऐसे में ओबीसी या दलित समुदाय से प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करके भाजपा अखिलेश यादव के पीडीए की काट भी निकाल सकती है.

Featured Video Of The Day
Parliament Winter Session: PM Modi ने सत्र के पहले दिन NDA के अपने सांसदों को क्या नसीहत दे डाली?