प्यार में धोखा, विदेश में फंसी, कैसे भारत की 'शहजादी' को UAE में हो गई फांसी?

उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली शहजादी खान (Shahzadi Khan Death Sentence) को अबू धाबी में फांसी दे दी गई, परिवार को ये बात पता भी नहीं चली. एक गरीब परिवार में पली-बड़ी शहजादी छोटे से गांव से विदेश में फांसी के फंदे तक कैसे पहुंच गई, यहां विस्तार से पढ़िए.

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भारत की शहजादी को अबू धाबी में फांसी.

वो तो बस पैसे कमाना चाहती थी. प्यार में पागल शहजादी ने किसी अनजान पर भरोसा किया और सपनों के पंख ले एक अजनबी देश जा उड़ी. हवाई जहाज में सवार शहजादी कहां जानती थी कि वह तो बेची जा रही है और अपनी मौत के करीब जा रही है. बस यहीं से शुरू हुआ शहजादी की मौत का सफर...  UAE की जेल में उसे 15 फरवरी को फांसी दे दी गई. परिवार अपनी लाड़ली को आखिरी बार देख तक न सका. ये कहानी है यूपी के बांदा की रहने वाली शहजादी खान (Shahzadi Khan) की. गरीब परिवार में पली-बड़ी शहजादी की आंखों में बस एक ही सपना था कि वह इतने पैसे कमा ले कि अपने जले हुए चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करवा सके. दरअसल 8 साल की उम्र में रसोई में उसके चेहरे पर खौलता हुआ पानी गिर गया था. घर में इतने पैसे नहीं थे कि वह इलाज करवा सके. वह इसी सपने के साथ बड़ी हुई कि पढ़-लिख कर एक दिन इतने पैसे कमाएगी कि अपना चेहरा ठीक करवा सके. 

मोहब्बत से मौत तक का सफर...

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2020 शहजादी के लिए बहुत ही मनहूस साबित हुआ. सोशल मीडिया के जरिए उसकी मुलाकात आगरा के रहने वाले उजैर से हुई. दोनों के बीच मोहब्बत परवान चढ़ने लगी. शहजादी उजैर के प्यार में इतना डूब गई कि आंखें मूंद कर उस पर भरोसा कर बैठी. भरोसा करती भी क्यों ना,  प्रेमी उजैर झुलसे हुए चेहरे के साथ उसे अपनाने के लिए जो तैयार था. वहीं पैसे कमाने का रास्ता भी बता दिया था. 
 

प्रेमी की बातों में आकर साल 2021 में शहजादी चेहरे के इलाज के लिए अबू धाबी जाने के लिए राजी हो गई. वो कहां जानती थी  कि अपने ही प्यार के हाथों वह बेची जा रही है. 90 हजार रुपए और कुछ जेवरात लेकर वह एक अनजान देश पहुंच तो गई लेकिन राह आसान नहीं थी. वो पढ़ी-लिखी थी और आत्मसम्मान के साथ नौकरी कर इलाज के लिए पाई-पाई जोड़ना चाहती थी. लेकिन वो कहां जानती थी कि प्रेमी उजैर ने उसके लिए कोई और ही जांल बुन रखा है.  महज डेढ़ लाख रुपए में उजैर ने शहजादी को नौकरानी बना दिया.

अबू धाबी में कैसे फंसी शहजादी?

उजैर ने शहजादी को अबू धाबी में अपनी फूफी नाजिया के घर भेज दिया था. नाजिया अबू धाबी की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थी. उसे तो बैठे बिठाए सस्ते दामों पर एक नौकरानी मिल गई. पहले तो शहजादी कुछ समझ ही नहीं पाई. लेकिन धीरे-धीरे उसे उजैर की बेवफाई का एहसास हो गया. लेकिन तब तक वह फंस चुकी थी. उसका पासपोर्ट नाजिया और उसके पति के पास था. वह न तो देश छोड़कर जा सकती थी और न ही उसे बाहर नौकरी करने की इजाजत मिल रही थी. 

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इस बीच नाजिया ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी देख-रेख शहजादी के जिम्मे थी. बच्चा जब 4 महीने का था तो उसे टीका लगाया गया, जिसके कुछ ही घंटों बाद बच्चे की मौत हो गई. नाजिया और उसके पति ने अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. अस्पताल वालों ने कहा कि बच्चे का पोस्टमार्टम करवा लो सच सामने आ जाएगा. लेकिन कपल इसके लिए तैयार नहीं हुआ और बच्चे को दफना दिया. 

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शहजादी के सलाखों के पीछे पहुंचने की कहानी

बच्चे की मौत को बाद जब शहजादी ने देश वापस लौटने की जिद की तो नाजिया और उसके पति ने शहजादी पर खूब जुल्म किए. उसे निर्वस्त्र कर बुरी तरह से मारा-पीटा और उसका वीडियो बना लिया. उन्होंने शहजादी से जबरन यह कबूल करवाया कि उसने बच्चे को गला घोंटकर मारा है. उसे धमकी भी दी कि अगर उसने यह कबूल नहीं किया तो उसका न्यूड वीडियो घर भेजकर उसको बदनाम कर देंगे. बस इसी वीडियो के दम पर उन्होंने शहजादी के हाथों बच्चे की मौत की बात कबूल करवाई और कबूलनामे का वीडियो फोन में बना उसे पुलिस स्टेशन ले जाकर पुलिस के हवाले कर दिया.

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इसके बाद अबू धाबी की निचली और बड़ी अदालतों में शहजादी का मामला पहुंचा तो दोनों ही अदालतों ने उसे बच्चे की मौत का दोषी माना और मौत की सजा सुना दी. अबू धाबी की अल-बाथवा जेल में कैद शहजादी ने एक दिन घरवालों को कॉल कर उसके साथ हुए जुल्मों की पूरी दास्तां बयां कर दी. उसके बूढ़े माता-पिता को तब पहली बार ये पता चला कि 20 सितंबर 2024 के बाद उनकी बेटी को कभी भी मौत की सजा दी जा सकती है. माता-पिता ने नेताओं, फिल्मी हस्तियों, वकीलों के खूब चक्कर काटे लेकिन कुछ भी न हो सका. शहजादी के पिता शब्बीर खान ने बताया कि उन्होंने भारत सरकार से भी मदद की गुहार लगाई लेकिन उनको कोई मदद नहीं मिली. 

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3 साल की कैद और फिर सजा-ए-मौत

शहजादी खान 10 फरवरी, 2023 से अबू धाबी पुलिस की हिरासत में थी और उसे 31 जुलाई, 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी.उसे फांसी दिए जाने की खबर सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सामने आई, जब विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसे पिछले महीने फांसी दी जा चुकी है. उसका अंतिम संस्कार अबू धाबी में पांच मार्च को होगा.

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