UP Elections Results 2022: यूपी में दो मंत्री एक लाख से ज्यादा मतों से जीते, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और उपेंद्र तिवारी हारे

UP Minister Results : यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है. सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, पाथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही, पश्चिम यूपी की थानाभवन सीट से सुरेश राणा जैसे कई मंत्री मैदान में हैं.

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BJP Ministers : उत्तर प्रदेश चुनाव नतीजे में कई मंत्रियों के भविष्य का फैसला होगा

नई दिल्ली:

UP Vidhansabha Chunav Natije LIVE 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election Results) में इस बार मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ उनके कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर रही. इनमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) सिराथू से, सिद्दार्थ नाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम से, श्रीकांत शर्मा मथुरा सीट से और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना (Satish Mahana) कानपुर की महाराजपुर सीट से चुनाव मैदान में थे.सतीश महाना ने आठवीं बार चुनाव जीता, वो भी 82 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर. सिराथू सीट से मौर्य 6832 वोटों से हार गए हैं. इस सीट पर अपना दल कमेरावादी की प्रत्याशी पल्लवी पटेल आगे हैं. फेफना सीट से यूपी सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी संग्राम सिंह से हार गए हैं.  यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Srikant Sharma) ने कांग्रेस के प्रदीप माथुर को मथुरा सीट पर एक लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया. पाथरदेवा सीट से प्रत्याशी और योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से सपा के ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को हराया.. बीजेपी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव का दामन थामा था. स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान पीछे चल रहे हैं.

केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ पल्लवी पटेल

सिराथू सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव मैदान में थे, जिनके खिलाफ अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल मैदान में उतरी थीं, जिससे मुकाबला दिलचस्प था. जबकि उनकी बहन और अपना दल सोनेलाल पटेल की दूसरी बेटी अनुप्रिया पटेल बीजेपी के गठबंधन में थीं.  पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती यूपी की बीजेपी सरकार में खादी ग्रामोद्योग व लघु उद्योग मंत्री के पद पर रहे.सिद्दार्थनाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम से दोबारा मैदान में हैं, जहां सपा ने रिचा शर्मा को मैदान में उतारा. ब्राह्णण बाहुल्य लखनऊ कैंट से ब्रजेश पाठक चुनाव मैदान में थे, जो योगी आदित्यनाथ सरकार में कानून मंत्री थे. पिछली बार उन्होंने लखनऊ मध्य सीट से 39 हजार वोटों से चुनाव जीता था. बीजेपी ने लखनऊ कैंट से 4 बार के विधायक सुरेश तिवारी की जगह उन्हें प्रत्याशी बनाया था. पाथरदेवा सीट से सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) आगे चल रहे हैं. 

गाजियाबाद से अतुल गर्ग 1 लाख वोटों से जीते

बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग गाजियाबाद (Ghaziabad Atul Garg)  सीट से मैदान में थे. उनके खिलाफ सपा-आरएलडी गठबंधन के विशाल वर्मा थे. उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. यूपी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शाहजहांपुर सीट से आठवीं बार चुनाव जीतने के लिए खड़े थे. बीजेपी के बागी उम्मीदवार केके शुक्ला बीएसपी से लड़े. कांग्रेस ने यहां पूर्व सासंद सुरेंद्र गोयल के पुत्र सुशांत गोयल को टिकट दिया था. थानाभवन सीट से बीजेपी सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा के खिलाफ सपा ने अशरफ अली पर दांव लगाया था. सुरेश राणा की कोशिश यहां हैट्रिक लगाने पर है. उन्होंने थानाभवन के 40 बूथों पर पुनर्मतदान की मांग भी की थी, जो खारिज हो गई थी. ब्रजेश पाठक लखनऊ कैंट से जीत गए हैं. सुरेश तिवारी 1996, 2002, 2007 और 2019 के विधानसभा उपचुनाव में यहां कमल खिला चुके थे. इसी सीट पर बीजेपी में आईं मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव और बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने भी दावेदारी की थी. मयंक जोशी ने सातवें चरण के चुनाव के दिन ही सपा का दामन थाम लिया था.

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मथुरा सीट से श्रीकांत शर्मा एक लाख वोटों से जीते

मथुरा सीट से यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Sri kant Sharma) दूसरी बार मैदान में थे. उन्होंने एक लाख वोटों से चुनाव जीता. 1993 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में शर्मा ने बेहतरीन काम किया. चुनावों में मीडिया प्रबंधन की उल्लेखनीय भूमिका ने उन्हें पार्टी नेतृत्व के करीब ला दिया. श्रीकांत शर्मा को जुलाई 2014 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और मीडिया सेल की जिम्मेदारी दी थी. पिछले चुनाव में भी शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप माथुर को 1 लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था. सपा ने यहां देवेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया था. कांग्रेस ने मथुरा से चार बार विधायक रहे प्रदीप माथुर को टिकट दिया था. जो 1985 के बाद 2002, 2007 और 2012 में जीते थे.  

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लक्ष्मी नारायण चौधरी जाट नेता

उत्तर प्रदेश भाजपा में जाट नेता और योगी सरकार में दुग्ध विकास और पशुधन मामलों के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी पांचवीं बार विधायक बने. उन्होंने रालोद के तेजपाल सिंह को 48 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.. लोकदल, कांग्रेस और बीएसपी के बाद चौधरी ने 2017 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर छाता विधानसभा सीट से लड़कर जीता और फिर मैदान में हैं. यूपी सरकार के एक और मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से दोबारा चुनाव जीते. उन्होंने सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को हराया. 

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बांसी से जयवीर प्रताप सिंह जीते

यूपी सरकार में कृषि मंत्री देवरिया जिले की पथरदेवा विधानसभा सीट पर फिर मैदान में थे. उनके खिलाफ सपा से पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी और बीएसपी के परवेज आलम के होने से तिकोना मुकाबला था. लेकिन बाजी शाही के हाथ लगी. बीजेपी सरकार में चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री जयवीर प्रताप सिंह सात बार विधायक रह चुके हैं, वो सिद्दार्थनगर जिले की बांसी विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने पहला चुनाव 1989 में निर्दलीय जीता था. 1989  से 2017 के दरमियान हुए 8 चुनाव में से 7 बार जय प्रताप सिंह चुनाव जीते हैं. जय प्रताप सिंह बांसी रजवाड़े से आते हैं. राजा परिवार से जुड़े होने के कारण जय प्रताप सिंह का रसूख है. उन्होंने 20 हजार से ज्यादा वोटो से जीत दर्ज की.

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