'खुद को समाजवादी कहते हैं लेकिन उनके नस-नस में तमंचावाद', अखिलेश पर योगी आदित्यनाथ का नया वार

UP Assembly Polls: CM योगी ने अखिलेश यादव के समाजवादी होने और उनकी शिक्षा-दीक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. तमंचावादी कहकर योगी ने अखिलेश को दंगाई और हिंसक ठहराने की कोशिश की है.

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CM योगी ने अखिलेश यादव के समाजवादी होने और उनकी शिक्षा-दीक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी 9Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर नया हमला बोला है और उन्हें 'तमंचावादी' करार दिया है. उन्होंने अखिलेश यादव के समाजवादी होने और उनकी शिक्षा-दीक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. तमंचावादी कहकर योगी ने अखिलेश को दंगाई और हिंसक ठहराने की कोशिश की है.

मुख्यमंत्री योगी ने कू पोस्ट करते हुए लिखा है, "जिन्हें पाकिस्तान दुश्मन नहीं लगता, जिन्ना दोस्त लगता है. उनकी शिक्षा-दीक्षा और दृष्टि पर क्या ही कहा जाए. वे स्वयं को समाजवादी कहते हैं, लेकिन सत्य यही है कि इनके नस-नस में 'तमंचावाद' दौड़ रहा है."

एक अन्य कू पोस्ट में भी योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव समेत दूसरे विपक्षियों पर भी हमला बोलेते हुए कहा है कि जब सत्ता में थे, तब कुछ किया नहीं लेकिन अब तरकस पहने फिर रहे हैं. उन्होंने लिखा है, "एक कहावत है, "करें न धरें, तरकस पहने फिरें..." पूरे विपक्ष का यही हाल है! सत्ता में रहे तो कुछ करा न धरा, अब चुनाव के समय सब 'तरकस' पहने फिर रहे हैं."

इसके साथ ही योगी ने एक बार फिर से अखिलेश को जिन्ना का दोस्त बताकर सामाजिक ध्रुवीकरण की कोशिश की है. अखिलेश ने पिछले साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर हरदोई की एक जनसभा में कहा था, ''सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और वे बैरिस्टर बने एवं उन्होंने आजादी दिलाई. वे भारत की आजादी के लिए किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटे." 

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बता दें कि अगले महीने की 10 तारीख से राज्य में विधान सभा चुनाव शुरू हो रहे हैं. सात चरणों में होने वाले चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव जहां योगी आदित्यनाथ के पांच साल के शासनकाल को निरर्थक और अनुपयोगी बताते हैं, वहीं योगी आदित्यनाथ उनके शासनकाल को लूट-खसोट, दंगा और मुस्लिम तुष्टिकरण का पर्याय बताते रहे हैं. राज्य में चुनावों के बाद वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.

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