यूपी और छत्तीसगढ़ आमने-सामने, क्यों होते हैं राज्यों की पुलिस के बीच विवाद?

इससे पहले पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की पुलिस के बीच भी विवाद हो चुका है, एक साल पहले असम और मिजोरम की पुलिस के बीच तो खूनी जंग हो गई थी

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गाजियाबाद में मंगलवार को यूपी पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच विवाद हुआ था.
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  • पंजाब पुलिस के खिलाफ दिल्ली में अपहरण का केस दर्ज हुआ था
  • हरियाणा पुलिस ने आरोपी को छुड़ाकर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था
  • असम और मिजोरम के बीच हिंसक झड़प में सात की मौत हुई थी
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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (UP) की पुलिस और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की पुलिस (Police) के बीच मंगलवार को हुआ विवाद चर्चा का विषय बन गया है. एक चैनल के एंकर को गिरफ्तार करने को लेकर यह विवाद हुआ. नाटकीय रूप से दोनों राज्यों की पुलिस के बीच बहस से लेकर खींचतान तक हुई. राज्यों की पुलिस के बीच इस तरह के विवाद नए नहीं हैं. इससे पहले पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और दिल्ली (Delhi) की पुलिस के बीच भी इस तरह का विवाद हो चुका है. एक साल पहले असम (Assam) और मिजोरम (Mizoram) की पुलिस के बीच तो गोलियां चली थीं जिसमें पांच पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी. राज्यों की पुलिस के बीच विवाद का कारण या तो राजनीतिक दबाव रहा है या फिर एक-दूसरे के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण रहा है.      

ताजा मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक भ्रामक वीडियो एक चैनल पर दिखाया गया था जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया और चैनल के एंकर को गिरफ्तार करने के लिए वारंट लेकर गाजियाबाद पहुंची. इससे पहले कि एंकर को रायपुर से आई पुलिस गिरफ्तार करती, यूपी पुलिसी पहुंच गई और एंकर को अपने साथ ले गई. इस दौरान दोनों राज्यों की पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. यूपी पुलिस ने भी एंकर पर केस दर्ज किया है और उनको हिरासत में लिया है. हालांकि चैनल पर एंकर ने अपने शो में भ्रामक वीडियो के लिए माफी मांग ली थी. अब सवाल उठ रहा है कि गाजियाबाद पुलिस ने एंकर को मामूली मामला दर्ज करके हिरासत में लिया, या छत्तीसगढ़ की पुलिस की गिरफ्तारी से बचाया?       

बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया, हरियाणा ने छुड़ाकर दिल्ली को सौंपा था
इस घटना से ठीक दो माह पहले पंजाब, दिल्ली और हरियाणा पुलिस के बीच एक गिरफ्तारी को लेकर भीषण विवाद हुआ था. बीजेपी के नेता तजिंदर बग्गा को 6 मई को उनके दिल्ली में स्थित निवास से उन्हें पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन पर भड़काऊ भाषण देने, धार्मिक उन्माद फैलाने और डराने-धमकाने का आरोप था. तजिंदर बग्गा को पंजाब के मोहाली ले जा रहे पुलिस दल को कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने रोक लिया. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने बग्गा को पंजाब पुलिस के कब्जे से छुड़ाया और दिल्ली पुलिस को सौंप दिया. दिल्ली पुलिस बीजेपी नेता को लेकर दिल्ली पहुंच गई थी. 
पंजाब पुलिस पर दिल्ली पुलिस का आरोप था कि उसने तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के बारे में उसको जानकारी नहीं दी. जबकि उससे पहले दिल्ली पुलिस ने तजिंदर बग्गा के पिता की शिकायत के आधार पर अपहरण का केस दर्ज किया था. पंजाब पुलिस का कहना था कि तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को पांच बार नोटिस भेजने पर भी वे इन्वेस्टिगेशन में शामिल नहीं हुए थे. दिल्ली में भी पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज हुआ था. 

पंजाब पुलिस पर राजस्थान में किया गया था केस दर्ज 
इस घटना के चार दिन बाद ही 10 मई को पंजाब पुलिस पर राजस्थान में भी दिल्ली जैसा केस दर्ज किया गया था. इसमें डीएपी और एसएचओ समेत 14 पर किडनैपिंग का आरोप लगाया गया था. पंजाब पुलिस पर आरोप था कि वह नशीले पदार्थ के केस में एक युवक को कोटा से पंजाब ले गई. युवक की गिरफ्तारी होशियारपुर में दिखाई गई. युवक के परिवार ने कोटा में पंजाब पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. परिवार का आरोप था कि उसे झूठे केस में फंसाया गया. 

असम और मिजोरम की पुलिस के बीच हुई थी खूनी जंग
इससे पहले पिछले साल 26 जुलाई को असम और मिजोरम की पुलिस के बीच खूनी झड़प हुई थी जिसमें असम के छह पुलिस कर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर यह यह झड़प हुई थी. दोनों ओर की पुलिस हिंसक हो गई थी और गोलीबारी की गई थी. असम और मिजोरम के बीच भूमि सीमा को लेकर विवाद हुआ था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था.   

दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद बहुत पुराना है असम और मिजोरम दोनों ही असम के कछार और मिजोरम के कोलासिब जिले के बीच की जमीन पर अपना-अपना दावा करते हैं. दोनों एक-दूसरे पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाते रहे हैं. मिजोरम पहले असम का हिस्सा था और उसे लुशाई हिल्स कहा जाता था. उसे 1972 में केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और सन 1987 में उसे मिजोरम राज्य का दर्जा मिला. 

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एक माह बाद फिर आमने-सामने आ गए थे दोनों राज्य
असम और मिजोरम के बीच हुई हिंसक झड़प के एक माह बाद ही दूसरे सीमा क्षेत्र खुलिचरा में दोनों राज्यों की पुलिस में विवाद हो गया था. मिजोरम के अधिकारियों के असम द्वारा बनाई जा रही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पर आपत्ति जताने पर यह विवाद हुआ था. असम पुलिस के मुताबिक मिजोरम के हथियारबंद लोगों ने खुलिचरा गांव में सड़क का निर्माण कर रहे मजदूरों को काम करने से रोका था.

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