जो शब्द लोकसभा सचिवालय ने हटाए, उनमें से अधिकांश को राजस्थान, छत्तीसगढ़ सरकारों ने असंसदीय बताया था...

संसद में जुमलाजीवी, लॉलीपॉप, गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है. इन चुनिंदा शब्दों को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा.

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नई दिल्ली:

लोकसभा सचिवालय ने 'असंसदीय शब्द 2021' के नाम से ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है, जिनका इस्तेमाल संसद में गलत और असंसदीय माना जाएगा. इसके तहत जुमलाजीवी, लॉलीपॉप, गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है. इन चुनिंदा शब्दों को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा. इन शब्दों की लिस्ट सभी सांसदों को भेजी गई है. इस लिस्ट में गौर करने वाली बात यह है कि नई सूची में ऐसे शब्द सबसे अधिक शामिल हैं जो राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं की कार्यवाही से असंसदीय बता कर हटाए गए हैं. बता दें, दोनों ही राज्यों में अभी कांग्रेस की सरकार है. 

जैसे 05.03.2021 को छत्तीसगढ़ विधानसभा  में इस्तेमाल किए गए 'अक्षम सरकार', 13.02.2021 को राजस्थान विधानसभा में इस्तेमाल किए गए 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' जैसे शब्द इस लिस्ट में मौजूद हैं. बता दें,  कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में भी 1500 असंसदीय शब्दों की सूची बनी. लेकिन उसका ख़ास असर विधानसभा के अंदर नहीं दिखा. और जिन शब्दों पर पाबंदी लगाई गई, वो धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं.

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हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इस लिस्ट को लेकर कई सवाल उठाए हैं. विपक्षी सांसदों को कहना है कि इस लिस्ट में ऐसे शब्दों को शामिल करके उन्हें बोलने से रोकना है. 

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मोदी सरकार की असलियत बताने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्दों को अब 'असंसदीय' माना जाएगा. अब आगे क्या विषगुरु?'

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वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा, आप मुझे निलंबित कर दीजिए. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है. सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है. अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. शर्म आनी चाहिए, दुर्व्यवहार किया, धोखा दिया, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम. मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा. मुझे निलंबित कर दीजिए. लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा.'

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इनके अलावा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती कि हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए?'

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'यह मीम याद आ गया. अगर हम करें तो करें क्यां, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ, वाह मोदी जी वाह!'

गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय समय समय पर ऐसे शब्दों को असंसदीय शब्दों की सूची में शामिल करता है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा अथवा राज्य विधान सभाओं और विधान परिषदों द्वारा असंसदीय शब्द बता कर कार्यवाही से हटाया जाता है. इनमें कॉमनवेल्थ संसदों में घोषित किए असंसदीय शब्द भी होते हैं.

'खूनी', 'धोखा', 'शर्मिंदा', 'दुर्व्यवहार', 'धोखा', 'चमचा', 'चमचागिरी', 'चेला', 'बचकाना', 'भ्रष्ट', 'कायर', 'अपराधी' और 'मगरमच्छ के आँसू', 'गधा', 'नाटक', 'चश्मदीद', 'धोखा', 'गुंडागर्दी', 'पाखंड', 'अक्षम', 'भ्रामक', 'झूठ', 'असत्य' , 'अराजकतावादी', 'गदर', 'गिरगिट', 'गुंडे', 'घड़ियाली आंसू', 'अपमान', 'असत्य', 'अहंकार', 'भ्रष्ट', 'काला दिन', 'काला बाजारी', 'खरीद' फरोख्त', 'दंगा', 'दलाल', 'दादागिरी', 'दोहरा चरित्र', 'बेचारा', 'बॉबकट', 'लॉलीपॉप', 'विश्वासघाट', 'संवेदनहीन', 'मूर्ख' और 'बहरी' सरकार' जैसे शब्द इस लिस्ट में शामिल हैं.

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