"चिराग पासवान के लिए हाजीपुर लोकसभा सीट नहीं छोड़ेंगे" : केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का ऐलान

भतीजे चिराग द्वारा संसदीय क्षेत्र में शनिवार को आयोजित एक सार्वजनिक बैठक के बारे में पूछे जाने पर पारस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनकी (चिराग) हाजीपुर में कोई हैसियत नहीं है. मुझे आश्चर्य है कि वह अपना समय वहां क्यों गंवा रहे हैं.’’

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
पारस ने कहा कि जमुई में चिराग को किस बात की समस्या है. (फाइल)
पटना :

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रविवार को कहा कि वह भतीजे चिराग पासवान के लिए अपनी हाजीपुर लोकसभा सीट नहीं छोड़ेंगे. दिवंगत राम विलास पासवान ने दशकों तक हाजीपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्‍व किया था. हालांकि अब इस सीट पर पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस और उनके बेटे चिराग पासवान दोनों ही अपनी दावेदारी जता रहे हैं. 
चिराग ने हाल में कहा है कि उनकी पार्टी ‘निसंदेह' हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेगी. 

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने दावा किया कि वह पहले से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में हैं, लेकिन 18 जुलाई को गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से निमंत्रण मिलने के बावजूद चिराग इसमें शामिल होने को लेकर असमंजस में थे. उन्‍होंने कहा कि प्रत्येक दल चाहता है कि हम अधिक से अधिक लोगों और दलों को जोड़ें. उसी क्रम में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को निमंत्रण दिया गया है. लोग बैठक में आएंगे अच्छी बात है. बैठक में आने के बाद भविष्य में क्या होगा यह नतीजे पर निर्भर करेगा. 

भतीजे चिराग द्वारा संसदीय क्षेत्र में शनिवार को आयोजित एक सार्वजनिक बैठक के बारे में पूछे जाने पर पारस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनकी (चिराग) हाजीपुर में कोई हैसियत नहीं है. मुझे आश्चर्य है कि वह अपना समय वहां क्यों गंवा रहे हैं.''

Advertisement

पारस ने चिराग के इस हालिया दावे को परोक्ष रूप से खारिज किया कि दिवंगत पासवान चाहते थे कि वह (चिराग) हाजीपुर से चुनाव लड़ें और कहा कि ‘‘2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान मेरे बड़े भाई जीवित थे जब मैंने पहली बार सीट से चुनाव लड़ा था.''

Advertisement

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘‘मैं अपने बड़े भाई की आज्ञा का पालन करने के लिए मैदान में उतरा. मैं दिल्ली नहीं जाना चाहता था. मैं राज्य में मंत्री बनकर खुश था, लेकिन दिवंगत पासवान ने कहा कि वह मुझे अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं.''

Advertisement

उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जिस जमुई का चिराग लगातार दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहां उन्हें किस बात की समस्या है. 

Advertisement

पारस ने कहा, ‘‘उनके (चिराग) निर्वाचन क्षेत्र के लोग दूसरी सीट से लड़ने के इरादे से निराश होंगे. मैं, अपनी ओर से, हाजीपुर सीट नहीं छोड़ूंगा.''

ये भी पढ़ें :

* बिहार में चाचा-भतीजे की जंग ने किया बीजेपी की नाक में दम, जानिए- क्यों चाहती है सुलह कराना
* लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ा NDA का कुनबा, 18 जुलाई को दिखाई जाएगी ताकत
* एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी ने चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भेजा निमंत्रण

Featured Video Of The Day
Iran Saudi Arabia Relation: Haj Yatra की वजह से कैसे दोस्त बन रहे 2 कट्टर दुश्मन? | Khamenei | MBS
Topics mentioned in this article