केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नगा शांति वार्ता जारी है और उम्मीद है कि नगालैंड में स्थायी शांति कायम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल रंग लाएगी. तुएनसांग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पूर्वी नगालैंड के विकास और अधिकारों से जुड़े कुछ मुद्दे हैं और विधानसभा चुनाव के बाद इनका समाधान किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से पहले नगालैंड में अशांति थी. हमने शांति बहाली की प्रक्रिया शुरू की. मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल नगा संस्कृति, भाषा और परंपरा के संरक्षण के साथ राज्य में स्थायी शांति लाने में सफल होगी.'' क्षेत्र के शीर्ष आदिवासी संगठन ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स आर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने ‘‘फ्रंटियर नगालैंड'' को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने ईएनपीओ के साथ चर्चा की है और एक ‘सहमति' बनी है, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण हम इसे मूर्त रूप नहीं दे सके.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी से वादा करता हूं कि चुनाव के बाद समझौते को लागू किया जाएगा जिसके माध्यम से पूर्वी नगालैंड के सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा. क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास होगा और आपको आपके अधिकार मिलेंगे.''
पूर्वोत्तर में केंद्र में भाजपा के पिछले नौ साल के शासन में शांति बहाल करने के लिए कई कदम उठाए जाने का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि इस अवधि के दौरान क्षेत्र में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों की मौतों में भी 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि पूर्वोत्तर में नागरिकों की मौत में 83 प्रतिशत की कमी आई है.'' यह उल्लेख करते हुए कि भाजपा सरकार द्वारा नगालैंड के बड़े हिस्से से सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 हटा लिया गया है, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले तीन से चार वर्षों में इस कानून को पूर्वोत्तर राज्य से हटा दिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जोर देकर कहा कि केवल भाजपा और एनडीपीपी के बीच सीट बंटवारे का समझौता हुआ है और कोई अन्य पार्टी गठबंधन से जुड़ी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ पार्टियां यह कहकर मतदाताओं को गुमराह कर रही हैं कि उनके पास भाजपा का समर्थन है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि नगालैंड चुनाव के लिए हमारे पास केवल दो चुनाव चिह्न हैं- कमल (भाजपा का) और ग्लोब (एनडीपीपी का). हम यह चुनाव मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व में लड़ रहे हैं, जबकि पीएम मोदी एनडीए के नेता हैं.''
शाह ने कहा कि जनजातियों के लिए बजटीय आवंटन 2014 में 21,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022 में 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए व्यापक अध्ययन करने के बाद नगालैंड में 13 परियोजनाओं सहित 100 से अधिक विकास परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया गया है.
शाह ने कहा, ‘‘संप्रग शासन के दौरान 2009-10 में नगालैंड के विकास के लिए केवल 1,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़ाकर 4,800 करोड़ रुपये कर दिया.'' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्षों में नगालैंड में 53 विकास परियोजनाएं पूरी हुई हैं और 142 और परियोजनाएं पूरी होने को हैं.''
विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या गिनाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में हमारा समर्थन करें और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त चिकित्सा उपचार की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाएगी.''
रैली के बाद शाह पूर्वी नगालैंड में अपना दो दिवसीय प्रचार अभियान पूरा करते हुए दीमापुर के लिए रवाना हो गए. यहां से वह एक अन्य चुनावी राज्य मेघालय के लिए रवाना हो गए. पूर्वी नगालैंड में छह जिले आते हैं जिसके तहत राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 20 सीटें आती हैं. एनडीपीपी और भाजपा 40-20 सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रहे हैं. नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। मतगणना दो मार्च को होगी.
ये भी पढ़ें-
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)