केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज लोकसभा में AIMIM के सांसद असदुद्दीन अवैसी (Asaduddin Owaisi) पर तीखा हमला बोला और कहा कि आपके मन में सबकुछ हिन्दू-मुस्लिम के रूप में चलता है. शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं. उन्होंने कहा, "एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या?"
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि ओवैसी अफसरों को भी हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं. दरअसल, असादुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था.
इस पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, "ओवैसी साहब, अफसरों का हिंदू-मुस्लिम में विभाजन कर रहे हैं. आपके मन में सब चीज हिंदू-मुस्लिम है... मैं तो समझता हूं आपको." शाह ने कहा, "एक मुस्लिम अफसर हिंदू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिंदू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिंदू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं."
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सरकार ने शनिवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 को चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया जिसमें मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा बनाने का प्रावधान है. यह विधेयक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश का स्थान लेगा जो पिछले महीने जारी किया गया था. विधेयक के प्रावधानों के अनुसार मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों (AGMU) कैडर का हिस्सा होंगे.
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केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी आवंटन अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर से होंगे. विधेयक के अनुसार अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर के अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार कार्य करेंगे. राज्यसभा में विधेयक पारित हो चुका है. विधेयक को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के नागरिकों का सपना पूरा किया है और दोनों राज्यों को विकास की ओर ले जाने का प्रयास जारी है.
विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने इसके लिए अध्यादेश लाये जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि अगर नियमित अध्यादेश लाए जाएंगे तो संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि अध्यादेश लाने चाहिए, लेकिन आपात स्थिति में. ऐसा लगता है कि संसदीय लोकतंत्र पर सरकार का भरोसा कम हो रहा है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह सदन में उपस्थित थे. (भाषा इनपुट्स के साथ)