केंद्र सरकार नक्सलवाद मुक्त भारत के लिए प्रयासरत है. गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के साथ बैठक में नक्सलियों से समर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की और उम्मीद जताई कि 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त होगा.
केंद्र सरकार नक्सलवाद मुक्त भारत बनाने की कोशिश में जुटी है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को रायपुर में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा के डीजीपी/एडीजीपी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने नक्सलियों से समर्पण नीति का लाभ उठाने और हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की. साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल विरोधी अभियान की भी जमकर प्रशंसा की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उन्होंने रुके हुए नक्सल विरोधी अभियान को तेज गति से चलाया और राज्य को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि विष्णुदेव साय और विजय शर्मा ने नक्सल विरोधी अभियानों को न सिर्फ धार दी बल्कि समय-समय पर इस अभियान का मार्गदर्शन भी किया.
मार्च तक नक्सलवाद से मुक्ति मिलने की उम्मीद
उन्होंने उम्मीद जताई कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह से मुक्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे सुरक्षाबलों ने पराक्रम दिखाया है और सूचना एजेंसियों ने सटीक रणनीति बनाई है, उसके आधार पर हम इस लक्ष्य को जरूर प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने कहा कि हर वर्ष बारिश के मौसम में आराम करने वाले नक्सली इस बरसात में चैन की नींद नहीं सो पाएंगे क्योंकि हमारे सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी रहेगा.
आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील
साथ ही उन्होंने नक्सलियों से हथियार डालकर राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि विकास यात्रा में जुड़ने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों से जो वायदा किया है, उसे पूरा किया जाएगा और उससे अधिक सहायता करने का प्रयास भी किया जाएगा.