संसद के बजट सत्र (Budget Session of Parliament) में किसानों का मुद्दा (Farmers Protest) छाए रहने की उम्मीद है. एक सूत्र ने रविवार को बताया कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण (First Phase of The Budget Session) 15 फरवरी के बजाए 13 फरवरी को संपन्न होगा. विभिन्न दलों के नेताओं ने एक सर्वदलीय बैठक के दौरान कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया और कहा कि इस मुद्दे पर वे चर्चा चाहते हैं. राज्यसभा ने भी अपनी बैठक में बदलाव कर 13 फरवरी को करने का फैसला किया है. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने एक सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से यह अनुरोध भी किया कि वे बजट सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही का सुचारू व प्रभावी संचालन सुनिश्चित करें. सूत्रों ने कहा कि बैठक में शामिल विभिन्न दलों के नेताओं ने आश्वासन दिया कि सदन की सभी बहस व चर्चाओं में पूर्ण रूप से भाग लिया जाएगा.
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बैठक के बाद सूत्रों ने कहा कि यह भी तय किया गया कि राज्यसभा बजट सत्र के पहले हिस्से के आखिरी दिन के तौर पर 15 फरवरी के बजाए 13 फरवरी को बैठेगी. इसके बाद विभाग संबंधी संसदीय समितियों के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों की अनुदान संबंधी मांगों की जांच के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी और फिर सदन बजट सत्र के दूसरे चरण के लिये आठ मार्च को मिलेगा. राज्यसभा ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिये 10 घंटे का समय निर्धारित किया है जिस पर प्रधानमंत्री जवाब देंगे. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार किसानों के प्रदर्शन समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिये तैयार है. बैठक के बाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, “राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सभी मुद्दे उठाए जा सकते हैं और प्रधानमंत्री उनका जवाब देंगे. इसलिये सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा और जवाब देने के लिये तैयार है.”
कई मंत्री और विभिन्न दलों के करीब 25 नेता सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और आम बजट पर चर्चा के लिये नेताओं ने और समय की मांग की जिस पर नायडू ने जोशी और अन्य संबद्ध लोगों से जानकारी ली जिससे कार्यक्रम को फिर से तय किया जा सके. सभापति ने कहा कि इन दो चर्चाओं में सदस्यों के पास विभिन्न मुद्दों पर अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर होगा और इसके लिये और समय दिया जा सकता है. उन्होंने मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे संक्षेप में अपनी बात रखने की कला सीखें, विधेयक को विचार के लिये सदन में पेश करते हुए भी और बहस का जवाब देते वक्त भी जिससे सदस्यों को बोलने के लिये और समय मिले. छोटे दलों और समूहों के सदस्यों को भी सदन में पर्याप्त समय मिले इस पर भी चर्चा हुई और सभापति ने कहा कि ऐसे सदस्यों को उचित समय दिये जाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं.
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उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि ऐसे करीब 20 दलों के सदस्यों के लिये हर मुद्दे पर बोल पाना संभव नहीं हो सकता. संसदीय कार्यमंत्री के अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी बैठक में शामिल हुए. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश और सदन के नेता थावरचंद गहलोत भी बैठक में शामिल हुए. नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा और मुख्य सचेतक जयराम रमेश, जद(एस) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, भाजपा नेता भूपेंद्र यादव, सपा के राम गोपाल यादव, द्रमुक के तिरुची शिवा, अन्नाद्रमुक के ए नवरीनकृष्णन, राजद के प्रेम चंद गुप्ता, बीजद के प्रसन्न आचार्य, जद(यू) नेता आरसीपी सिंह, टीआरएस नेता के केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस ने ए विजयसाई रेड्डी, आप नेता संजय सिंह, माकपा नेता एलामारम करीम और कनकामेडाला रविंद्र कुमार भी बैठक में शामिल हुए.
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