केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर करीब चार महीने से किसान आंदोलन (Farmer Protests) कर रहे हैं. इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री ने शनिवार को एक बार फिर किसान आंदोलन की समस्या के समाधान को लेकर सुझाव दिया है. कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने शनिवार को कहा कि कृषि आंदोलन के नेता जिस दिन चाहेंगे कि रास्ता निकालना है, उसी दिन समाधान हो जाएगा.
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एक सवाल के जवाब में तोमर ने ग्वालियर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘चार महीने से आंदोलन कर रहे किसान नेता जिस दिन चाहेंगे कि रास्ता निकालना है, उसी दिन समाधान हो जाएगा और सरकार भी रास्ता निकाल लेगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘सरकार बातचीत के लिए तैयार है और समाधान चाहती है. ''जब उनसे पूछा गया कि असम और बंगाल में भाजपा की स्थिति कैसी है, तो तोमर ने कहा, ‘‘मैं असम में ही चुनाव प्रचार करने गया था और वहीं से सीधे ग्वालियर आ रहा हूं. आज असम और पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान हो रहा है.''
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उन्होंने आगे कहा, ‘‘असम में तो भाजपा की सरकार पहले से ही थी और वहां पर सरकार ने अच्छा काम किया. लंबे समय के बाद असम के लोगों को इसका अहसास भी हुआ और वहां के लोगों ने भाजपा सरकार में शांति, सुरक्षा और विकास को देखा. इसलिए फिर से वहां भाजपा सरकार आएगी. पश्चिम बंगाल में तो वहां की राज्य सरकार के संरक्षण में अराजकता का माहौल लोग देख रहे हैं और वहां भी भाजपा बहुत अच्छी स्थिति में है.''
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