रोजगार के मोर्चे से अच्‍छी खबर, देश में शहरी बेरोजगारी घटकर 6.8 फीसदी हुई 

शहरी इलाकों में बेरोज़गारी घटी है. जनवरी-मार्च, 2022 के दौरान देश के शहरी इलाकों में बेरोज़गारी दर 8.2% थी जो जनवरी-मार्च 2023 में घटकर 6.8% हो गई. हालांकि पुरुषों में बेरोज़गारी दर 6% रही जबकि महिलाओं में ये 9.2% के ऊंचे स्‍तर पर रही.

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पुरुषों में बेरोज़गारी दर 6% रही जबकि महिलाओं में ये 9.2% रही. (प्रतीकात्‍मक)
नई दिल्‍ली:

देश में शहरी बेरोज़गारी दर में कमी आई है. शहरों में अक्टूबर-दिसंबर 2022 में बेरोज़गारी दर 7.2 फ़ीसदी थी जो जनवरी-मार्च 2023 में घट कर 6.8% हो गई है. यह सांख्यिकी मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट बता रही है. देश में इस साल जनवरी से मार्च के बीच शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर घट गई है. सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल सैम्‍पल सर्वे ऑफिस के ताजा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे में ये बात सामने आई है.

सर्वे के मुताबिक, शहरी इलाकों में बेरोज़गारी घटी है. जनवरी-मार्च, 2022 के दौरान देश के शहरी इलाकों में बेरोज़गारी दर 8.2% थी जो जनवरी-मार्च 2023 में घटकर 6.8% हो गई. हालांकि पुरुषों में बेरोज़गारी दर 6% रही जबकि महिलाओं में ये 9.2% के ऊंचे स्‍तर पर रही. ये नतीजे देशभर के 44,982 शहरी परिवारों और 1,72,089 व्यक्तियों के सर्वे में सामने आए हैं. 

अर्थशास्त्री वेद जैन कहते हैं, हाल के महीनों में आर्थिक गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं और आर्थिक विकास के साथ ही रोज़गार के अवसर भी. वेद जैन ने एनडीटीवी से कहा,  "रोज़गार के मोर्चे पर चुनौती कम हुई है. एक समय 8.2% बेरोजगारी दर थी जो अब घटकर 6.8% हो गई है. फर्क तो बहुत पड़ा है. आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन 6.8% भी देश के लिए ज्‍यादा है. कोशिश करनी चाहिए कि इसे 5% के नीचे लाया जाए." 

काउंसिल ऑफ सोशल डेवलपमेंट के डायरेक्टर नित्या नन्द कहते हैं कि काम मांगने या काम के लिए उपलब्ध महिला वर्करों की संख्या कुछ बढ़ी जरूरी है, लेकिन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बेरोजगारी दर का ज्‍यादा होना चिंता की बात है.

जब उनसे पूछा गया कि कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन का रोजगार पर बुरा असर पड़ा था. एक समय बेरोज़गारी दर पिछले साल 8.2% पर पहुंच गई थी. अब क्या आपको लगता है कि  हम कोरोना के साए से बाहर आ रहे हैं? इस पर उन्‍होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हम कोरोना के साए से बाहर आ रहे हैं. हालांकि युवाओं में रोजगार एक चुनौती है. शायद हम कोरोना के असर से बाहर आ चुके हैं.

भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है. ऐसे में उम्मीद करनी चाहिए कि आने वाले समय में रोजगार के मोर्चे पर चुनौती और कम होगी. 

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