मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने पावर प्रोजेक्ट के लिए गंगा नदी की धारा को खंडित करने की कोशिशों पर नाराजगी का इजहार किया है. उन्होंने इस मुद्दे पर सिलसिलेवार ट्वीट किए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा ने अपने ट्वीट में लिखा, '' मैं आज हिमालय से विदा ले रही हूं. बिठूर जहां गंगा विराजमान हैं, उनके साथ विंध्यवासिनी मिर्ज़ापुर होते हुए गंगासागर की ओर बढूंगी. '' उन्होंने लिखा, ''हमारे गंगा अभियान का मूल प्रेरक तत्व मां धारीदेवी थी जो कि बद्री केदार के रास्ते में स्थित श्रीनगर के पास अलकनंदा (गंगा) के किनारे आसीन थी. वहां पर राज्य एवं केंद्र सरकार की अनुमति से एक प्राइवेट पार्टी ने पावर प्रोजेक्ट लगाने की चेष्टा की, जिसमें धारीदेवी को डुबना था एवं गंगा की अविरलता खण्डित होनी थी.गंगा की अविरलता की अवधारणा में धारीदेवी ही हमारा मूल तत्व थी. ''
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एक अन्य ट्वीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ''गंगा मंत्रालय ने 2018 में एकनोटिफिकेशन जारी किया था कि नदी की धारा किसी भी प्रोजेक्ट में खंडित नही होनी चाहिए तथा हमने उसको नाम दिया था Ecological flow ( पर्यावरणीय प्रवाह).'' वे लिखती हैं, ''आज अभी दोपहर को मैंने श्रीनगर में ही लगे हुए पावर प्रोजेक्ट के द्वारा इसका बेशर्म एवं निर्दय उल्लंघन देखा. कई किलोमीटर का एक ऐसा हिस्सा दिखाई दिया जहां जल था ही नहीं. पावर प्रोजेक्ट के पीक ऑवर के लिए पूरी गंगा का पानी रोककर नदी के दो टुकड़े कर दिए. इस पावन हिमालय में गंगा की पवित्रतम मुख्य धारा अलकनंदा के साथ ऐसा हिंसक खिलवाड़ मैंने पहली बार देखा है.''
उन्होंने लिखा, ''यह पर्यावरणविदों, पीएमओ और भारत के महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों के परामर्श के बाद जारी की गई नीति का उद्दण्डउल्लंघन हैं. मैंने तुरन्त इसका वीडियो लिया एवं राज्य सरकार,जलशक्ति मंत्रालय एवं पीएमओ को कठोरतम उचित कारवाई के लिए भेज रही हूं.''