केरल के दौरे पर आये कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए सोमवार को कहा, ‘‘अंतत: हम सभी हिंदू हैं.'' वह रामचंद्रन फाउंडेशन पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस आलाकमान ने अयोध्या में आयोजित होने वाले समारोह में भाग लेने का फैसला क्यों नहीं किया, उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में कौन शामिल होगा, इस पर भाजपा शासित केंद्र चुनिंदा रवैया अपना रहा है.
राम मंदिर के परोक्ष संदर्भ में शिवकुमार ने यह भी कहा कि यह कोई निजी संपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) नेताओं के चयन में चुनिंदा रवैया अपना रहे हैं. देश में बहुत सारे नेता और मुख्यमंत्री हैं. यह कोई निजी संपत्ति नहीं है. यह सार्वजनिक संपत्ति है. कोई भी धर्म और प्रतीक किसी व्यक्ति का नहीं है.''
शिवकुमार ने कहा, ‘‘हम सभी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं.'' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और हिंदू धर्म के लिए विभाग हैं.
उच्चतम न्यायालय ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक सरकारी ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया था और फैसला सुनाया था कि हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले शहर में एक मस्जिद के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड खोजा जाना चाहिए.
इसके परिणामस्वरूप, अयोध्या को वहां बन रहे भव्य राम मंदिर की 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के लिए सजाया जा रहा है, जो 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में होगा.
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