यूक्रेन से लौटे छात्रों को अब अपने भविष्य की चिंता, परिजनों की मांग-भारत के ही मेडिकल कॉलेज में मिले दाखिला

हिमाचल प्रदेश के डॉ राजेश कुमार चंदेल का बेटा यूक्रेन के खार्किव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था. राजेश कहते हैं कि हम विरोध नहीं कर रहे हैं, हम सरकार से हमारे बच्चों को कॉलेजों में समायोजित करने का अनुरोध कर रहे हैं. सभी बच्चों के पैरेंट्स इसी मांग को लेकर दिल्ली आए हैं. 

Advertisement
Read Time: 24 mins
यूक्रेन से लौटे छात्रों को के परिजन पहुंचे दिल्ली के जंतर मंतर
नई दिल्ली:

यूक्रेन से लौटे छात्रों को अब अपने आगे की पढ़ाई को लेकर चिंता सता रही है. छात्रों के परिजनों की मांग है कि उनके बच्चों को भारत के ही किसी मेडिकल कॉलेज में आगे की पढ़ाई करने का मौका दिया जाए. यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस छात्रों के माता-पिता रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और अपने बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में समायोजित करने के लिए सरकार के हस्तक्षेप की मांग की. हिमाचल प्रदेश के डॉ राजेश कुमार चंदेल का बेटा विवेक चंदेल भी यूक्रेन के खार्किव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था. उनका बेटा खार्किव विश्वविद्यालय में एमबीबीएस के पांचवें वर्ष में था.  राजेश कहते हैं कि हम विरोध नहीं कर रहे हैं, हम सरकार से हमारे बच्चों को कॉलेजों में समायोजित करने का अनुरोध कर रहे हैं. सभी बच्चों के पैरेंट्स इसी मांग को लेकर दिल्ली आए हैं. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि हमने अपने मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य से मुलाकात की है. उनके अलावा, हमने उनके आवास पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा. दिल्ली आने को लेकर उन्होंने कहा कि हम यहां यह दिखाने के लिए आए हैं कि कितने छात्र प्रभावित हैं. हम सामूहिक रूप से आवाज उठाना चाहते हैं क्योंकि यह हमारे बच्चों के भविष्य के बारे में है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें: "न एंटी-इंडिया, न एंटी-US": पाकिस्तान में ताकत प्रदर्शन के दौरान बदले इमरान खान के सुर

यूक्रेन मेडिकल स्टूडेंट्स पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरबी गुप्ता कहते हैं कि मेरा बच्चा द्वितीय वर्ष का छात्र है जो इवानो में पढ़ रहा था. हम सरकार से बस यही अनुरोध कर रहे हैं कि जिस तरह से उन्होंने बच्चों को बचाया, उसी तरह सरकार हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु और ओडिशा सहित 10 राज्यों के लोग जंतर मंतर पर आए हुए हैं. गुप्ता ने कहा, "अभी तक हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मडाविया से बात की है. हमने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और कई लोकसभा सांसदों से भी मुलाकात की है. 

Advertisement
Advertisement

यूक्रेन के खार्किव में चौथे वर्ष के छात्र आदित्य भारद्वाज ने कहा कि हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं. उन्होंने हमें घर वापस लाकर पहले ही हमारी बहुत मदद की है. लेकिन हम अपने भविष्य को लेकर दुविधा में हैं. हमारी जो कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं, वे भी ठीक से नहीं चल रही हैं. शिक्षक युद्ध क्षेत्र की परिस्थितियों में भी कक्षाएं ले रहे हैं. हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमें भारतीय कॉलेजों में समायोजित किया जाए ताकि हम यहां अपनी पढ़ाई कर सकें. 

Advertisement

ये भी देखें-यूक्रेन से NDTV की रिपोर्ट : जंग के दौरान क्या हाल है राजधानी कीव का?

Featured Video Of The Day
Imran Khan News: Iddat Case में अदालत रिहा कर भी देती तो इमरान खान को अंदर रखने की तैयारी थी