कीव में गोली लगने से घायल भारतीय छात्र हरजोत सिंह को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में यूक्रेन की राजधानी से सड़क मार्ग से 700 किलोमीटर दूर एक सीमा के चेक पोस्ट तक ले जाया गया ताकि वह घर लौटने के लिए एक निकासी उड़ान में सवार हो सके. हरजोत सिंह (31) को सोमवार की शाम को दिल्ली के पास हिंडन एयर फ़ोर्स स्टेशन पर भारतीय वायु सेना के एक सी-17 विमान में पोलैंड से कई अन्य भारतीयों के साथ भारत वापस लाया गया. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने उस ड्राइवर की भी सराहना की जिसने छात्र को कीव से 700 किलोमीटर दूर बोडोमिर्ज़ सीमा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया.
यूक्रेन की राजधानी कीव में कुछ दिन पहले गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान सोमवार की शाम को यहां हिंडन वायुसैनिक अड्डे पर उतरा. हरजोत के यहां पहुंचने पर उसके परिवार ने भी राहत की सांस ली.
हरजोत को सीने में एक गोली समेत कुल चार गोलियां लगी थीं. उसे यहां पहुंचने पर हवाईअड्डे से एक एम्बुलेंस से सीधे सैन्य अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) ले जाया गया. उसके स्वागत के लिए फूलों का गुलदस्ता लेकर हिंडन वायुसैनिक अड्डे पहुंचे परिवार के सदस्य अपनी कार में एम्बुलेंस के पीछे-पीछे गए.
यहां हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से बात करते हुए मंत्री वीके सिंह ने कहा, “यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने हरजोत को भेजा है और उसकी हालत स्थिर है. हरजोत को इलाज के लिए सैन्य अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) भेजा गया है क्योंकि उपचार में सेना से बेहतर नहीं है.” भारतीय छात्रों की वापसी में मदद के लिए वीके सिंह पोलैंड में थे.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम हिंडन वायुसैनिक अड्डे पर उतरे हैं. सभी 205 भारतीय छात्र सुरक्षित और स्वस्थ वापस आ गए हैं. हरजोत को सेना अस्पताल (आर एंड आर) में स्थानांतरित किया जा रहा है. मैं हमारी देखभाल करने के लिए चालक दल को धन्यवाद देता हूं.”
हवाईअड्डे पर हरजोत सिंह के चिंतित परिजनों ने उसकी एक झलक पाकर राहत की सांस ली.
हरजोत के भाई प्रभजोत सिंह ने बताया, “हम खुश हैं और राहत महसूस कर रहे हैं. हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते कि हम कैसा महसूस कर रहे हैं. पूरे परिवार ने हिंडन वायुसैनिक अड्डे पर उसकी अगवानी की. उसे ‘आर एंड आर' अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है. हमारे माता-पिता बहुत खुश हैं. हम उसकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार के आभारी हैं.”
हरजोत कीव से निकलने की कोशिश के तहत 27 फरवरी को अपने दो दोस्तों के साथ पश्चिमी लवीव शहर के लिए एक कैब (टैक्सी) में सवार हुआ था. इस दौरान उसे सीने समेत शरीर में चार गोलियां लगी थीं. उसने चार दिन बाद अपने परिवार से संपर्क किया था.
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि सरकार हरजोत सिंह के इलाज का खर्च उठाएगी.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने उस ड्राइवर की भी सराहना की जिसने छात्र को कीव से 700 किलोमीटर दूर बोडोमिर्ज़ सीमा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया. दूतावास ने एक ट्वीट में कहा, “भारतीय दूतावास के ड्राइवर को बधाई, जिन्होंने गोलाबारी और ईंधन की कमी, सड़क अवरोध और ट्रैफिक जाम के खतरों के बीच कीव से बोडोमिर्ज़ सीमा तक 700 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर हरजोत को सफलतापूर्वक पहुंयाया.”