उद्धव ठाकरे समाजवादियों के साथ, कहा- सुलझाए जा सकते हैं पुराने मतभेद

शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे ने मुंबई में 21 समाजवादी परिवार पार्टियों की एक सभा को संबोधित किया

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो).
मुंबई:

शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि समाजवादियों के साथ पुराने मतभेद मुख्य रूप से वैचारिक थे जिन्हें लोकतंत्र के हित में सुलझाया जा सकता है. उद्धव ने 21 समाजवादी परिवार पार्टियों की एक सभा को संबोधित करते हुए याद किया कि मतभेदों के बावजूद उनके पिता एवं शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और समाजवादी नेता संयुक्त महाराष्ट्र के साझा उद्देश्य के लिए एक साथ आए थे.

इस आंदोलन ने अपना लक्ष्य तब हासिल किया, जब 1960 में महाराष्ट्र को एक मराठी भाषी राज्य के रूप में सृजित किया गया और इसकी राजधानी मुंबई बनी. उद्धव ने कहा, ‘‘हमारे बीच वैचारिक मतभेद थे, लेकिन हमारा उद्देश्य एक ही था. अगर हम बैठकर बात करेंगे तो मतभेद दूर हो सकते हैं.''

उन्होंने याद किया कि कैसे जॉर्ज फर्नांडीस 1960 के दशक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एसके पाटिल को हराने में कामयाब रहे थे. उन्होंने कहा कि मजदूर संघ नेता (फर्नांडीस) ने लोगों में विश्वास पैदा किया कि मुंबई के मजबूत नेता पाटिल, जिन्हें उद्योगपतियों का समर्थन प्राप्त था, उन्हें भी हराया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम लोकतंत्र के लिए एकजुट रहें तो यह अब भी हो सकता है. कार्यकर्ता बहुत महत्वपूर्ण हैं और अगर हमारे पास मजबूत कैडर है, तो डरने की कोई जरूरत नहीं है.''

उद्धव ने कहा कि 1966 में स्थापित शिवसेना और समाजवादी पार्टियों के बीच मतभेदों का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन वे संयुक्त महाराष्ट्र जैसे मुद्दों पर एक साथ आए. उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादियों ने आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मतभेदों के बावजूद संयुक्त महाराष्ट्र के आंदोलन के दौरान आचार्य अत्रे, एसए डांगे और (बाल) ठाकरे एक ही ओर थे.''

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा कि 1987 में विधानसभा उपचुनाव के बाद भाजपा ने शिवसेना (अविभाजित) के साथ हाथ मिलाया, जिससे प्रदर्शित हुआ कि हिंदू वोट को एकजुट कर चुनाव जीता जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दूसरों को ‘‘नष्ट'' करके आगे बढ़ना चाहती है और फिलहाल वह किसी को अपने साथ नहीं चाहती.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस समय मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि मेरे पास कुछ नहीं है. जब आप किसी ऐसे व्यक्ति से हाथ मिलाते हैं जो आपको कुछ नहीं दे सकता, तो यह सच्ची दोस्ती है.''

Advertisement

उन्होंने भाजपा पर उन पार्टियों और गठबंधनों को विभाजित करने का आरोप लगाया जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा नरेन्द्र मोदी स्टेडियम (अहमदाबाद) में पाकिस्तानी क्रिकेटरों पर फूल बरसा सकती है, तो मैं भी समाजवादी पार्टियों से बात कर सकता हूं. उनमें से कई मुस्लिम हो सकते हैं, लेकिन वे राष्ट्रवादी हैं जो देश के लोकतंत्र की रक्षा करना चाहते हैं.''

ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ ने दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर जनता पार्टी को विभाजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

Advertisement

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) में शामिल शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) पिछले साल शिवसेना में हुए विभाजन के बाद, 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है.

विभाजन के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने अपनी ‘सोशल इंजीनियरिंग' योजना के तहत दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) और मराठा संगठन संभाजी ब्रिगेड के साथ हाथ मिलाया.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Railway Control Room Exclusive: Chhath को लेकर रेलवे कितना है तैयार? देखिए ये Special Report
Topics mentioned in this article