"गद्दार हमेशा गद्दार ही रहेगा..." 'असली शिवसेना' पर EC के फैसले को लेकर शिंदे पर उद्धव का निशाना

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. आगे भविष्य में कोई भी विधायकों या सांसदों को खरीदकर मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन सकता है.

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चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को पहले दिया गया 'मशाल' चिह्न और नाम रखने की अनुमति दी है.

एकनाथ शिंदे (Eknath Sinde) गुट को चुनाव आयोग ने असली शिवसेना (Shiv Sena) के तौर पर मान्यता दे दी है. आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी. वहीं, उद्धव गुट को पहले दिया गया 'मशाल' चिह्न और नाम रखने की अनुमति दी गई है. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. एकनाथ शिंदे को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'गद्दार हमेशा गद्दार रहता है. चुनाव आयोग का ये फैसला लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा, 'नेता भले चले गए, लेकिन उनको नेता बनाने वाले मेरे पास हैं.''

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा- 'मैंने चुनाव आयोग से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक रुकना चाहिए. मगर ऐसा नहीं हुआ. आगे भविष्य में कोई भी विधायकों या सांसदों को खरीदकर मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन सकता है.' उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है, वो लोकतंत्र के लिए घातक है. अब लालकिले से प्रधानमंत्री को घोषणा कर देना चाहिए कि लोकतंत्र खत्म हो गया है. 

उन्होंने कहा कि ये गलत फैसला है. ये सीधे-सीधे चोरी है. चुनाव आयोग के आयुक्त की नियुक्ति जजों की तरह होती है. इसका मतलब ये हुआ कि एक या दो महीने में बीएमसी के चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा. 

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ठाकरे ने कहा, 'हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. देश में सरकार की दादागीरी चल रही है. हिम्मत है तो चुनाव मैदान में आइये, चुनाव लड़िए. वहां जनता बताएगी कि कौन असली है और कौन नकली.'

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शिंदे ने कहा- यह लोकतंत्र की जीत है
चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है. यह लोकतंत्र की जीत है.

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उन्होंने कहा- यह देश बाबासाहेब अंबेडकर की ओर से तैयार किए गए संविधान पर चलता है. हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई. चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है, वह मेरिट के आधार पर है. मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं.

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संजय राउत ने कहा- स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी
चुनाव आयोग के फैसले पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया- 'इसकी स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा, लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है. लड़ते रहो. ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है. हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है. हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है.'

फडणवीस बोले- हम पहले दिन से आश्वस्त थे
महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- 'CM एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिह्न और नाम मिला है. असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है. हम पहले दिन से आश्वस्त थे, क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार का निर्णय आए हैं.

​चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई. इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था. पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है. इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है.

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