ठाकरे ब्रांड से डरी फडणवीस सरकार या मुद्दा छीन मारा मास्टरस्ट्रोक? जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र एक बार फिर प्रयोग के लिए तैयार है. ये प्रयोग भी उद्धव ठाकरे ही करने जा रहे हैं. एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद अब वो अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ राजनीतिक साझेदारी के लिए तैयार है. बीजेपी इसके लिए कितनी तैयार?

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • फडणवीस सरकार ने "तीन भाषा नीति" को मॉनसून सत्र से पहले रद्द किया.
  • ठाकरे भाइयों ने विजय सभा की तैयारी शुरू की है.
  • उद्धव ठाकरे ने कहा, फडणवीस सरकार डर गई है.
  • राज ठाकरे को 5 जुलाई के विजय सभा के लिए निमंत्रण भेजा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

हिंदी के ख़िलाफ़ “ठाकरे भाइयों” की नज़दीकी ने क्या फडणवीस सरकार को डरा दिया? मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले ही “तीन भाषा नीति” को रद्द कर दिया गया. ऐसा लगा सरकार ने ठाकरे भाइयों के हाथ से मोर्चा-गठबंधन का मौक़ा छीन लिया. पर अब ठाकरे बंधु, विजय-सभा की तैयारी में हैं. दो दशक बाद हाथ मिले हैं, क्या दिल भी मिलेंगे? और मिले, तो फडणवीस सरकार के निकाय चुनाव के रास्ते कितने कठिन होंगे? फडणवीस कहते हैं, हमारी झुकने वाली सरकार नहीं, लोकतंत्र में सबकी सुनते हैं!

उद्धव और राज का आगे का प्लान

हिंदी पर महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार का यूटर्न, विरोध के सामने सरेंडर कहें या विरोधियों के हाथ से मुद्दा छीनने का मास्टरस्ट्रोक? उद्धव बोल रहे हैं, ठाकरे भाइयों से फडणवीस सरकार डर गई. सामना के कार्टून में ख़ुद और राज ठाकरे को टाइगर दिखाया. 5 जुलाई को भाई के साथ संयुक्त मोर्चे की तैयारी में बैठे उद्धव थोड़े परेशान से भी दिखे, कहा मराठी बंधु का मिलन ना हो, इसलिए डरकर फैसला वापस लिया गया. अब 5 को मोर्चा नहीं, जीत-सभा होगी. यानी विरोध का मुद्दा खत्म होने के बावजूद “ठाकरे-भाइयों” के साथ आने का मौक़ा छूटना नहीं चाहिए. इसके लिए बाकायदा चचेरे भाई राज ठाकरे को निमंत्रण भी भेजा जा चुका है.

मराठी एकता को रोकने के लिए, उन्हें जीआर वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, हम 5 जुलाई को विजय रैली करेंगे. हमने मराठी विरोधियों को मुक्का मारा है, यह एकता ऐसी ही बनी रहनी चाहिए.

उद्धव ठाकरे

अध्यक्ष, शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)

मुझे संजय राउत का फ़ोन आया. उन्होंने कहा, "चलो 5 तारीख़ को विजय सभा करते हैं. 5 तारीख़ को विजय सभा होगी... अभी जगह तय नहीं हुई है.

राज ठाकरे

एमएनएस मुखिया

राजनीतिक विश्लेषक क्या कह रहे

राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं, जो दो दशक से नहीं हुआ, वो हिंदी विषय ने कर दिखाया! ठाकरे भाइयों के हाथ मिले हैं, दिल भी जल्द मिलेंगे और ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र के सियासी समीकरण जल्द बदले दिखेंगे. राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे ने कहा कि ठाकरे ब्रांड से ठाकरे भाइयों को काफ़ी ज़ोर मिलेगा, मोर्चा गठबंधन और पार्टी गठबंधन में बहुत फ़र्क़ होता है, लेकिन इसी बहाने ठाकरे भाइयों ने 20 साल बाद हाथ मिलाया है. दिल भी मिलेंगे.

Advertisement

वैसे, हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर लाने का शुरुआत से ही कड़ा विरोध करने वाले राज ठाकरे का क्रेडिट कहीं बंट तो नहीं रहा? उद्धव के सहयोगी दल कह रहे हैं, ये ब्रांड ठाकरे की नहीं, बल्कि विपक्षी एकता की जीत है.

शरद पवार गुट एनसीपी के जयंत पाटिल कहते हैं, ये ठाकरे भाइयों का नहीं, ये हमारे एकजुट होने का नतीजा है, विपक्षी एकता की जीत है.

Advertisement

देवेंद्र फडणवीस क्या कह रहे

महाराष्ट्र विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ. हिंदी के मुद्दे पर विपक्ष हंगामे के लिए तैयार ही था, लेकिन सरकार ने सत्र शुरू होने से पहले वाली रात ही फैसला रद्द कर दिया. कमेटी बिठा दी और सेशन के पहले दिन ख़ुद ही उद्धव के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल बैठे की 2022 में उद्धव ठाकरे ने ही हिंदी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तीसरी भाषा के तौर पर अनिवार्य किया था. फडणवीस कहते हैं उनकी झुकने वाली सरकार नहीं, लोकतंत्र में सबकी सुनते हैं. 

Advertisement
हमारी झुकने वाली सरकार नहीं है. लोकतंत्र में सबकी सुनते हैं. विद्यार्थी का हित है या नहीं, उस पर कमेटी गठित की है. छोटी-मोटी चीजों में उनको आनंद मिलता है तो अच्छी बात है. वैसे भी चुनाव वो हारते ही हैं.

देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

ठाकरे ब्रांड सियासी ज़मीन पर कितनी प्रभावी है? इस विरोध ने ये ज़ाहिर किया है. इसकी समझ फडणवीस सरकार को भी रही. शायद इसलिए उद्धव की शिवसेना के वोटरों को झटकने के लिए वो जिस राज ठाकरे के इर्द-गिर्द नरम रहे, अब उनके साथ आते ही अपना ऐसा फैसला रद्द कर बैठे, जिस पर वो अडिग थे. सवाल है, “ठाकरे ब्रांड” के सामने झुकने की उनकी मजबूरी का फ़ायदा अब ठाकरे भाई आगे किस तरह से उठाते दिखेंगे? साफ़ है, निकाय चुनाव से पहले ठाकरे भाइयों की नज़दीकी फडणवीस के लिए बड़ी ताकत बनकर उभरेगी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Shefali Jariwala Demise: क्या Anti-Ageing Medicines ने ली शेफाली जरीवाला की जान? Experts से जानिए