उदयपुर हत्याकांड : जोधपुर, बीकानेर समेत राजस्थान के कई जिलों में बहाल हुई इंटरनेट सेवा

Udaipur Murder Case: 48 साल के कन्हैया लाल की मंगलवार को दो लोगों ने हत्या कर दी थी. अपराधियों ने हत्या का वीडियो भी बनाया था, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. 

विज्ञापन
Read Time: 20 mins

48 साल के कन्हैया लाल की मंगलवार को दो लोगों ने हत्या कर दी थी.

उदयपुर:

दर्जी कन्हैया लाल की दिनदहाड़े निर्मम हत्या के बाद जारी विवाद के शांत होने के बाद शनिवार को उदयपुर प्रशासन ने घोषणा की है कि आज कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी जाएगी. इंटरनेट सेवाएं अभी भी ठप रहेंगी. दरअसल, शहर में असमान शांति के बीच कल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जगन्नाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई. इसके बाद आज प्रशासन ने ढील देने का निर्णय लिया है. मालूम हो कि 48 साल के कन्हैया लाल की मंगलवार को दो लोगों ने हत्या कर दी थी. अपराधियों ने हत्या का वीडियो भी बनाया था, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इसके बाद से ही राज्य के कई जिलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था. हालांकि, शनिवार शाम को राज्य के कई जिलों में इंटरनेट सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है. जिन जिलों में इंनटरनेट सेवा फिर से शुरू कई गई है उनमें अजमेर, झुंझुनू, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर शामिल हैं.

पुलिस ने हत्यारोपियों को किया गिरफ्तार

वहीं, बाद में हत्यारोपी रियाज अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद ने एक और वीडियो डाला जिसमें उन्होंने हत्या करने की बात कबूली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगला निशाना बनाने की धमकी भी दी. फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके अतिरिक्त पांच अन्य को हिरासत में लिया गया है. दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

आलोचनाओं के घेरे में उदयपुर पुलिस

गौरतलब है कि निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा जिसकी पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी से बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट करने पर दर्जी की हत्या की गई है. उसे आरोपियों द्वार लगातार धमकी दी जा रही थी. धमकी देने की शिकायत उसने पुलिस को की थी. लेकिन उसके बाद कन्हैया लाल को सुरक्षा प्रदान नहीं किया गया. परिणामस्वरूप उसकी हत्या हो गई. इस कारण उदयपुर पुलिस आलोचनाओं के घेरे में आ गई है.

Advertisement

हत्या एक सुनियोजित आतंकी घटना

हत्या के मद्देनजर उदयपुर के महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सहित भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 32 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच देश की शीर्ष आतंकवाद रोधी एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है. जांचकर्ताओं का कहना है कि हत्यारों के पाकिस्तान स्थित समूह दावत-ए-इस्लामी से संबंध थे और उनमें से एक 2014 में कराची भी गया था. राजस्थान के पुलिस प्रमुख एमएल लाठेर ने कहा कि दर्जी की हत्या एक सुनियोजित आतंकी घटना थी और इसमें और भी लोग शामिल थे.
 

Advertisement

यह भी पढ़ें -
-- शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई : उद्धव ठाकरे ने "नेता" के तौर पर एकनाथ शिंदे को "हटाया"
-- उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे के साथ सुलह कराना चाहते हैं शिवसेना सांसद

Advertisement

Topics mentioned in this article