राजस्थान पुलिस ने पाकिस्तानी (Pakistani Intelligence Agency) खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि ये युवक पैसों की लालच में गोपनीय जानकारी बाहर भेज रहे थे. पुलिस महानिदेशक पुलिस (खुफिया) उमेश मिश्रा ने बताया कि राजस्थान अपराध जांच विभाग (सीआईडी- खुफिया) को भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल गाडरी (27) एवं जैतारण (पाली) में एक शराब ठेके पर कार्यरत कुलदीप सिंह शेखावत (24) के सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से निरंतर संपर्क में होने की जानकारी मिली. उन्होंने बताया कि सीआईडी-खुफिया (CID- Intelligence) जयपुर ने इन दोनों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी.
उन्होंने बताया कि दोनों युवकों को जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाये जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और सभी खुफिया एजेंसियों ने उनसे गहन पूछताछ की. मिश्रा ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि गाडरी पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के सम्पर्क में था और धन के लालच में विभिन्न मोबाइल प्रदाता कंपनियों के सिम कार्ड जारी करवाकर उन्हें अपने पाकिस्तान आकाओं को दे रहा था ताकि वे भारतीय मोबाइल नम्बरों से सोशल मीडिया अकाउंट चला सकें. वह उक्त नम्बरों पर सेना से सम्बंधित गोपनीय सूचनाएं भेज रहा था.
उन्होंने बताया कि शेखावत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एक महिला के सम्पर्क में था. उन्होंने बताया कि शेखावत एक छद्म महिला एवं फर्जी सैन्यकर्मी के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर भारतीय जवानों से दोस्ती करने के बाद उनसे सेना से सम्बंधित गोपनीय सूचनाएं प्राप्त करके पाकिस्तानी महिला को उपलब्ध करा रहा था. मिश्रा बताया कि दोनों अभियुक्तों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के एवज में धन मिल रहा था. उन्होंने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध शासकीय गुप्त बात अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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