मणिपुर के कांगपोकपी में गोलीबारी में दो ‘दंगाइयों’ की मौत, आंसू गैस के गोले छोड़े गए

अधिकारियों ने बताया कि हथियारों से लैस दंगाइयों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, भीड़ ने दंगाईयों के शवों के साथ इंफाल में मुख्यमंत्री आवास तक जुलूस निकालने की कोशिश की

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इंफाल में दंगाईयों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
इंफाल:

मणिपुर में कांगपोकपी जिले के हराओठेल गांव में गुरुवार को सुबह सुरक्षा कर्मियों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध दंगाइयों की मौत हो गई तथा पांच अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि हथियारों से लैस ‘‘दंगाइयों'' ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी. सेना ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को काबू में करने के लिए सुव्यस्थित तरीके से जवाब दिया.

सेना ने बताया कि गांव में मुठभेड़ में दो संदिग्ध सशस्त्र दंगाइयों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. उन्होंने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि एक और दंगाई मारा गया, लेकिन शव बरामद नहीं किया जा सका है क्योंकि घटनास्थल पर रुक- रुक कर गोलीबारी हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि बाद में, दोनों दंगाई जिस समुदाय से आते हैं, उसके सदस्यों ने उनके शवों के साथ इंफाल में मुख्यमंत्री आवास तक जुलूस निकालने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि पुलिस ने जब उन्हें मुख्यमंत्री आवास तक जाने से रोका तो जुलूस हिंसक हो गया. पुलिस ने इंफाल के बीचोंबीच स्थित ख्वायरमबंद बाजार में एकत्र हुई भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया.

पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रदर्शनकारी सड़क के बीचोंबीच टायर जलाते हुए भी देखे गए.

अधिकारियों ने कहा, ‘‘त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के साथ पुलिस कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इसके बाद वे शव को यहां जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित मुर्दाघर ले गए.'' इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यालय पर हमला किया गया.

सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर विवरण देते हुए कहा गया है कि सशस्त्र दंगाइयों ने सुबह साढ़े पांच बजे बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी. सेना की ‘‘स्पीयर कोर'' के आधिकारिक हैंडल पर कहा गया है, ‘‘स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए क्षेत्र में तैनात सैनिक वहां तुंरत बुलाए गए. सैनिकों ने दंगाइयों की गोलीबारी का सुव्यवस्थित तरीके से जवाब दिया. सैनिकों की त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप गोलीबारी बंद हो गई.''

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इसमें कहा गया है, ‘‘सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों को क्षेत्र में भेजा गया है. अपुष्ट खबरों से कुछ लोगों के हताहत होने का संकेत मिले हैं. क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की भी सूचना है. स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है.''

‘स्पीयर कोर' ने शाम में एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘सुरक्षा बलों के अभियान में हस्तक्षेप करने के लिए क्षेत्र में लोगों की भीड़ को उपयुक्त तरीके से नियंत्रित किया गया.''

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इसमें कहा गया है, ‘‘शाम लगभग चार बजे, क्षेत्र में तैनात सैनिकों ने मुनलाई गांव के पूर्व से गोलीबारी की आवाज सुनी. इसके अलावा, शाम लगभग सवा पांच बजे, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के दक्षिण में बेथेल गांव की दिशा से गोलीबारी की सूचना मिली.''

यह क्षेत्र राजधानी इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है. गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

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मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.

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