- जयपुर पुलिस ने 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया, जो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क से जुड़े थे.
- गिरफ्तार आरोपियों में पूर्व सीआरपीएफ जवान मान प्रजापति और नेत्रपाल सिंह शामिल हैं, जो जयपुर के आमेर और लालकोठी से पकड़े गए.
- पता चला कि लॉरेंस के भाई अनमोल ने विदेशों से सोशल मीडिया के जरिए व्यापारियों की जानकारी जुटाकर धमकाने और फिरौती वसूलने का नेटवर्क बनाया है.
जयपुर में एक व्यापारी से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाले दो बदमाशों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई और उसके विदेश में बैठे साथी हरि बॉक्सर के लिए काम कर रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों में एक पूर्व सीआरपीएफ जवान मान प्रजापति उर्फ मंगलचंद उर्फ मान बॉक्सर (36) और दूसरा नेत्रपाल सिंह (30) शामिल है. पुलिस ने इन्हें जयपुर के आमेर के कुंडा और लालकोठी स्थित कृष्णानगर से दबोचा.
सोशल मीडिया के जरिए कारोबारियों की जानकारी जुटाते थे
जांच में सामने आया है कि गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई ने कनाडा, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में बैठकर जयपुर सहित भारत के कई शहरों में अपने गुर्गों का नेटवर्क तैयार किया है. गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया जैसे फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के जरिए व्यापारियों, बिल्डर्स और ज्वेलर्स की जानकारी जुटाते हैं. इसके बाद डराने-धमकाने और फिरोती की रकम वसूलने का सिलसिला शुरू होता है.
पूर्व जवान बना फाइनेंसर, फिर बना गैंग का हिस्सा
मान प्रजापति, जो पहले सीआरपीएफ में 5 साल तक तैनात रहा, अब जयपुर के लालकोठी कृष्णानगर में किराए के मकान में रह रहा था. पुलिस के अनुसार, वह अब फाइनेंस का काम करता था और 5 से 10 प्रतिशत ब्याज पर पैसा देकर जबरन वसूली करता था. पैसे नहीं लौटाने पर वह हरि बॉक्सर से धमकी दिलवाता था.
उसका साथी नेत्रपाल सिंह जयपुर जिले के आमेर स्थित कुंडा का रहने वाला है. दोनों लंबे समय से हरि बॉक्सर के संपर्क में थे और अनमोल बिश्नोई के नाम पर जयपुर में जमीन खाली करवाने और अवैध वसूली जैसे काम अंजाम दे रहे थे.
आरोपियों के पास से दो मोबाइल बरामद
डीसीपी क्राइम कुंदन कवरीया के सुपरविजन में की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनसे हरि बॉक्सर से संपर्क किया जाता था. एएसआई ओमप्रकाश को इस पूरे रैकेट की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को दबोचा.
और कौन कारोबारी निशाने पर, पुलिस कर रही जांच
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि जयपुर में और कितने व्यापारी इस नेटवर्क के निशाने पर थे और किन-किन कारोबारियों से रंगदारी वसूली जा चुकी है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि विदेशों में बैठा गैंग किस तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर भारत में धमकी और फिरौती का कारोबार चला रहा है.
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