कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में शामिल बीएसएफ के दो कर्मियों की हिंसक प्रदर्शन के दौरान मौत

कांगो पुलिस (पीएनसी) और कांगो सेना (एफएआरडीसी) के सैनिक पहुंचे लेकिन 500 से अधिक लोगों की भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके. बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे लेकिन वे तीन अलग-अलग जगहों पर परिधि की दीवार को तोड़ने में सफल रहे.

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कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत थी तैनाती
नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो कर्मियों की मंगलवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मौत हो गई. सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वह दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों को खोने पर बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि 'आक्रोशपूर्ण हमलों' के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय कठघरे में लाया जाना चाहिए. मंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. दोनों सैनिक कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा थे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ कांगो के पूर्वी शहर गोमा में हुए प्रदर्शन के दूसरे दिन कम से कम पांच लोग मारे गए और लगभग 50 अन्य घायल हो गए.

सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने कहा, '26 जुलाई को, कांगो के बुटेम्बो में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दल में शामिल बीएसएफ के दो कर्मियों ने हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान घायल होने के बाद दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने कहा कि 70-74 बीएसएफ जवानों की दो पलटन इलाके में तैनात थी दोनों सैनिक DR कांगो में MONUSCO - संयुक्त राष्ट्र संगठन स्टैबिलाइजेशन मिशन का हिस्सा थे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, देश में संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ कांगो के पूर्वी शहर गोमा में प्रदर्शन के दूसरे दिन कम से कम पांच लोग मारे गए और लगभग 50 अन्य घायल हो गए.

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उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने पूरे कांगो में मोनुस्को के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलन का आह्वान किया था और गोमा (बेनी से लगभग 350 किमी दक्षिण और एक बड़ा मोनुस्को बेस) में स्थिति हिंसक हो गई थी और प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र की संपत्ति को लूट लिया और आग लगा दी. बेनी और बुटेम्बो (प्रत्येक में दो बीएसएफ प्लाटून तैनात किए गए) हाई अलर्ट पर थे. सोमवार का दिन शांतिपूर्ण ढंग से गुजरा. हालांकि मंगलवार को बुटेम्बो में स्थिति हिंसक हो गई. मोरोको रैपिड डिप्लॉयमेंट बीएन का कैंप जहां बीएसएफ की प्लाटून तैनात हैं, प्रदर्शनकारियों से घिरा हुआ था.

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कांगो पुलिस (पीएनसी) और कांगो सेना (एफएआरडीसी) के सैनिक पहुंचे लेकिन 500 से अधिक लोगों की भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके. बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे लेकिन वे तीन अलग-अलग जगहों पर परिधि की दीवार को तोड़ने में सफल रहे.

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