सुपरटेक (Supertech) लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि 28 अगस्त को ध्वस्त किए गए ट्विन टावर (Twin Towers) की जमीन का नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से मंजूरी और एमराल्ड कोर्ट के घर खरीदारों से सहमति के बाद एक अन्य आवासीय परियोजना के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. सुपरटेक लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके अरोड़ा ने एएनआई से एक कहा कि नोएडा में ट्विन टावर एपेक्स और सियान नोएडा प्राधिकरण की ओर से आवंटित भूमि पर निर्मित सेक्टर 93 ए में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का एक हिस्सा थे.
उन्होंने कहा कि, "दो टावरों सहित प्रोजेक्ट की निर्माण योजनाओं को 2009 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया गया था जो कि तब लागू होने वाले बिल्डिंग बाइलॉज के अनुसार था."
उन्होंने कहा कि, "बिल्डिंग प्लान से कोई बदलाव नहीं किया गया था और प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद ही भवन निर्माण किया गया था. अब दोनों टावरों को ध्वस्त कर दिया गया है और हमने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार टावरों को ढहाने वाली एजेंसियों को उन्हें गिराने की लागत 17.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया था."
अरोड़ा ने कहा कि हम प्राधिकरण की मंजूरी से और आरडब्ल्यूए की सहमति लेकर उस जमीन का नियमानुसार इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कहा, "हमने एपेक्स और सियान ट्विन टावरों के 95 प्रतिशत घर खरीदारों को पैसा वापस कर दिया है. बाकी 5 प्रतिशत लोग जो हमारे पास आ रहे हैं, हम उन्हें प्रापर्टी दे रहे हैं या ब्याज के साथ पैसा वापस कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन किया जा रहा है."
आरके अरोड़ा द्वारा प्रमोटेड सुपरटेक लिमिटेड का ग्रेटर नोएडा में स्थित एक हाउसिंग प्रोजेक्ट इकोविलेज II भी दिवाला कार्यवाही का सामना कर रहा है. अरोड़ा ने कहा, "केवल एक परियोजना दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही है. हम पर्याप्त आश्वस्त हैं कि कोई भी अन्य परियोजना दिवाला कार्यवाही के तहत नहीं आएगी. ध्यान अगले 24 महीनों की समयावधि में अपनी सभी चल रही परियोजनाओं को डिलीवर करना है."
उन्होंने कहा कि, "आज 5,000 लोग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं, और किसी भी अन्य परियोजना पर दिवालिया होने का कोई डर नहीं है. हमें उम्मीद है कि हम इसे समय पर पूरा करेंगे."
नोएडा के ट्विन टावर बनाने वाले से भ्रष्टाचार पर सीधे सवाल