त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद स्पष्ट बहुमत के सत्ता में वापसी करने वाली है. उन्होंने दावा किया कि राज्य में एक विपक्षी दल का अस्तित्व समाप्त हो सकता है, “जो लोकतंत्र के लिहाज से अच्छा संकेत नहीं है.” उन्होंने कहा कि त्रिपुरा चुनाव में भाजपा की जीत होने पर पार्टी इसे “मिसाल” के रूप में इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है.
उन्होंने टाउन बारदोवली निर्वाचन क्षेत्र में घर-घर जाकर प्रचार करने के दौरान पत्रकारों से कहा, “वाम-कांग्रेस गठबंधन हताशा से त्रस्त है. उसे एहसास हो चुका है कि वह हार की ओर बढ़ रहा है. लोगों ने पूर्वोत्तर राज्य को किसी भी विपक्षी खेमे से मुक्त करने का मन बना लिया है, हालांकि यह लोकतंत्र के लिहाज से अच्छा संकेत नहीं है.” साहा ने साथ ही आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने “आसन्न पराजय को भांपते हुए” विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है. हालांकि, माकपा ने कहा था कि सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.
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