तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) को दिल्ली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (BJP leader Suvendu Adhikari) के साथ उनकी बैठक को लेकर हटाने की मांग की. पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में विपक्ष के नेता अधिकारी ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि वह हाल ही में राज्य में "चुनाव के बाद की हिंसा" से संबंधित एक मामले को लेकर दिल्ली में मेहता के आवास पर गए थे, लेकिन "उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल सके थे."
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तृणमूल सांसदों डेरेक ओ''ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय और महुआ मोइत्रा द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच हुई बैठक "अनुचित" है क्योंकि भाजपा विधायक अधिकारी नारद और शारदा मामलों में एक आरोपी हैं, जिनकी जांच चल रही है. पत्र के अनुसार, अधिकारी की गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद हुई इस बैठक से संशय पैदा होता है. तृणमूल सांसदों ने दावा किया कि अधिकारी पर नारद और शारदा मामले से संबंधित धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी और अवैध लाभ लेने के विभिन्न मामलों में आरोपी हैं.
उन्होंने कहा कि शारदा चिटफंड घोटाले में जांच एजेंसी को सलाह देने के अलावा सॉलिसिटर जनरल नारद मामले में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में सीबीआई की ओर से पेश हो रहे हैं. पत्र में उन्होंने कहा कि अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच बैठक न केवल अनुचित है, बल्कि हितों का सीधा टकराव है और देश के दूसरे सर्वोच्च कानून अधिकारी सॉलिसिटर जनरल के पद को भी कलंकित करता है. तृणमूल सांसदों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि भारत के सॉलिसिटर जनरल के पद की "तटस्थता और सत्यनिष्ठा" बनाए रखने के लिए, मेहता को पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.
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बाद में शाम को, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कई ट्वीट कर मांग की कि मेहता के आवास पर अधिकारी के मौजूद रहने तक के सभी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक किया जाए. उन्होंने कहा, "मेहता के सुवेंदु अधिकारी के साथ उनकी गुप्त बैठक के बारे में अटकलों को खारिज करने का प्रयास केवल तभी सार्थक हो सकता है जब वह तब तक के सभी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करते हैं जब तक अधिकारी उनके आवास पर मौजूद थे. घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अधिकारी ने मेहता के साथ किसी भी मुलाकात से इनकार किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं वहां चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े एक मामले पर चर्चा करने गया था, लेकिन मैं उनसे नहीं मिल सका." राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने अधिकारी का समर्थन करते हुए कहा कि दोनों के बीच किसी भी मुलाकात का कोई सबूत नहीं है.