पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने पद्म भूषण के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के नाम की घोषणा इसलिए की, क्योंकि भाजपा की नजर राज्य के वाम मतों पर है. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि पुरस्कार के लिए भट्टाचार्य के नाम की घोषणा माकपा और भाजपा के बीच की आपसी समझ को दर्शाती है. उन्होंने दावा किया, 'जो देखने में आ रहा है उससे भी कहीं ज्यादा है (सब कुछ). भट्टाचार्य को अचानक भाजपा ने क्यों चुना? यह माकपा और भाजपा के बीच समझ को दर्शाता है. इस कदम का उद्देश्य आगामी चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए वामपंथी वोट हासिल करना है.''
केंद्र सरकार द्वारा नाम की घोषणा के तुरंत बाद भट्टाचार्य ने इस पुरस्कार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि भट्टाचार्य का यह फैसला पार्टी के उस निर्णय के अनुकूल है कि सरकार संचालित किसी भी पुरस्कार को वाम नेता स्वीकार नहीं करेंगे.
विपक्ष के दो नेताओं गुलाम नबी आजाद और बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म सम्मान
तृणमूल कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि घोष का बयान यह दर्शाता है कि सत्तारूढ दल हर मामले में विवाद पैदा करती है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘गैर-राजनीतिक मामले को तृणमूल द्वारा राजनीतिक रंग देना यह दिखाता है कि कैसे पार्टी (तृणमूल) हर चीज में विवाद पैदा करती है.''
कांग्रेस ने कहा कि कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि माकपा का भाजपा के साथ समझौता है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'इसके बजाय, यह तृणमूल कांग्रेस थी जो राजग का हिस्सा रही थी.'