अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के डिजिटल अभियान की प्रशंसा की है. आईएमएफ ने एक वर्किंग पेपर में कहा कि "विश्व स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा" विकसित करने में भारत की यात्रा अन्य देशों के लिए सबक है, जो अपने यहां डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत कर रहे हैं. वर्किंग पेपर 'स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स लेसन्स फ्रॉम इंडियाज डिजिटल जर्नी' में कहा गया है कि भारत की डिजिटल यात्रा का विकास एक मूलभूत बिल्डिंग ब्लॉक दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित है, और पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करता है.
आईएमएफ ने एक वर्किंग पेपर में कहा कि इस डिजिटल बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए भारत कोविड-19 महामारी के दौरान बेहतर काम कर पाया. इसी के जरिए सरकार गरीब परिवारों के एक बड़े हिस्से को सीधे और तुरंत मदद पहुंचाने में सक्षम थी. पेपर में कहा गया है कि डिजिटलाइजेशन से भारत को अपनी वैक्सीन को करोड़ों लोगों तक पहुंचाने में बेहद सहूलियत हुई. कोविन में अंतर्निहित तकनीक को इंडोनेशिया, फिलीपींस, श्रीलंका और जमैका में उनके टीकाकरण कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाने में मदद करने के लिए तैनात किया गया.
वर्किंग पेपर में मोदी सरकार की कई योजनाओं की जमकर सराहना की गई है. कहा गया है कि मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई "प्रधानमंत्री जन धन योजना" की सराहना की और कहा कि मजबूत नीतियों से प्रतिस्पर्धी, खुला और किफायती दूरसंचार बाजार बना और मोबाइल डेटा की लागत में 90 प्रतिशत की कमी से डाटा के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई. नोटबंदी से यूपीआई समेत भुगतान के अन्य तरीकों का अधिक इस्तेमाल हुआ, इससे एक बड़ा बदलाव आया.
आधार ने भी भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आधार ने भुगतान के हस्तांतरण करने, लीकेज को कम करने, भ्रष्टाचार को रोकने और कवरेज बढ़ाने के लिए घरों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए एक उपकरण के रूप में मदद की. भारत सरकार का अनुमान है कि मार्च 2021 तक डिजिटल बुनियादी ढांचे और अन्य शासन सुधारों के कारण व्यय में जीडीपी का लगभग 1.1 फीसदी बचाया गया था.
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