पूजा खेडकर को लेकर क्यों मचा बवाल? ट्रेनी IAS पर गलत दिव्यांगता सर्टिफिकेट देने का आरोप!

Trainee IAS officer Pooja Khedkar Case: पूजा खेडकर द्वारा लाल बत्ती का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पुणे पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर पूजा खेडकर ने निजी वाहन पर 'महाराष्ट्र सरकार' क्यों और किस वजह से लिखवाया.

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नई दिल्ली:

Trainee IAS officer Pooja Khedkar Case: महाराष्ट्र में तैनात ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. ट्रेनी आईएएस पर सबसे प्रमुख आरोप है कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए दिव्यांग होने का गलत दावा किया था. अब खुलासा हुआ है कि उन्होंने अपनी दिव्यांगता को साबित करने के लिए अगस्त 2022 में पुणे में आवदेन दिया था. लेकिन जांच करने वाले डॉक्टरों ने उन्हें खारिज कर दिया और कहा कि "यह संभव नहीं है.

'दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करना संभव नहीं'
मेडिकल बोर्ड की तरफ से जारी पत्र में कहा गया था कि आपकी जांच 11/10/2022 को अधोहस्ताक्षरी मेडिकल बोर्ड के द्वारा की गई है.  मुझे / हमें यह सूचित करते हुए खेद है कि आपके पक्ष में दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करना संभव नहीं है. जानकारी यह है कि दूसरी बार पूजा खेडकर दिव्यांगता सर्टिफिकेट के लिए जरूरी टेस्ट में असफल रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले उन्होंने अहमदनगर से भी दिव्यांगता सर्टिफिकेट लेने का प्रयास किया था. 2023-बैच की अधिकारी खेदकर ने पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में रही हैं. उनके यूपीएससी में सफलता को लेकर सवाल उठे थे.

पुणे पुलिस ने विवादों में रहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा कथित तौर पर लाल बत्ती लगाकर अवैध रूप से इस्तेमाल की गई ‘लग्जरी कार' रविवार को जब्त कर ली. पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने शहर की एक निजी कंपनी को गुरुवार को नोटिस जारी किया था. खेडकर (34) की यहां नियुक्ति के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल की गई ‘ऑडी' कार इसी कंपनी के नाम से पंजीकृत है.

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माता-पिता गायब, पुलिस कर रही है तलाश
सिविल सेवा चयन प्रक्रिया में सफल होने के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों के इस्‍तेमाल के आरोपों का सामना कर रही ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) के माता-पिता से संपर्क नहीं हो पा रहा है. खेडकर की मां और महाराष्ट्र के एक गांव की सरपंच मनोरमा खेडकर एक वीडियो में पिस्तौल लहराते नजर आईं थीं, जिसके बाद उन्‍हें शस्त्र अधिनियम के मामले का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उनके पति और पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर इस मामले में सह आरोपी हैं. दिलीप खेडकर महाराष्‍ट्र सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. 

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यहां से शुरू हुआ विवाद...
पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने 24 जून को महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की कई मांगों के बारे में अवगत कराते हुए लिखा. उन्होंने कहा कि खेडकर ने कलेक्टरेट में काम पर आने से पहले अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी की मांग कर रही थीं. कलेक्टर ने बताया कि वह दो साल की परिवीक्षा पर हैं और इन लाभों की हकदार नहीं है. साथ ही खेडकर पर कलेक्टर कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की नेमप्लेट हटाने का भी आरोप लगाया गया था, जब वह छुट्टी पर थे. इस विवाद के बीच खेडकर को अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया. जिस दिन उन्होंने कार्यभार संभाला था, उसी दिन उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.

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