देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संकट और सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ती पाबंदियों (Covid-19 Restrictions) की मार व्यापारियों पर बढ़ती जा रही है. इस बार होली सीजन (Holi Season) में कार्यक्रमों और पार्टियों पर लगे प्रतिबंध की वजह से कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी CAIT का आंकलन है कि देश में व्यापारियों को 35000 करोड़ तक के नुक्सान हुआ है. CAIT का आंकलन है कि पिछले साल भी कोरोना संकट की वजह से व्यापारियों को 20000 करोड़ का नुक्सान हुआ था. सेंट्रल दिल्ली की पॉपुलर मिठाई की दुकान बंगाली स्वीट हाउस में कुर्सियां खाली पड़ी रहीं, मिठाई के ग्राहक नहीं के बराबर रहे. आम तौर पर यहां होली के सीजन में भीड़ रहती थी, लेकिन होली पार्टियों पर पाबन्दी की वजह से इस बार कॉर्पोरेट ऑर्डर नहीं आये, मिठाई का बिज़नेस बुरी तरह प्रभावित हुआ.
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बंगाली स्वीट हाउस के मालिक गिरीश अग्रवाल ने NDTV से कहा, ''होली के त्योहारों के दौरान हमारा मिठाई का बिजनेस गिरकर सिर्फ 35 से 40 फ़ीसदी रह गया. दिल्ली में जब केस बढे, सरकार ने पार्टियों पर पाबंदी लगाई, इसका हमारे बिजनेस पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ा. इस बार हमारे पास कॉर्पोरेट ऑर्डर्स नहीं आए, ऑफिस में होली पार्टियां नहीं हुई."
गिरीश अग्गरवाल कहते हैं - जनवरी-फरवरी में जब कोरोना के मामले तेज़ी से घटते जा रहे थे तब बिज़नेस पटरी पर दोबारा लौटने लगा था और 60% तक बिज़नेस रिकवर कर गया था, लेकिन अब हालात फिर ख़राब हो रहे हैं.
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दरअसल देश में कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सरकार ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किये थे जिस वजह से पूरे देश में व्यापारियों को भारी नुक्सान हुआ है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने एनडीटीवी से बातचीत में दावा किया कि इस साल होली सीजन के दौरान देश में व्यापारियों का अनुमानित नुकसान 35 हजार करोड़ तक होने का अंदेशा है.
CAIT के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने NDTV से कहा, ''देश में औसतन होली के सीजन में होली के सामानों का व्यापार करीब 50000 करोड़ तक होता है. लेकिन इस बार होली की सामग्री जैसे रंग, गुलाल, अबीर की बिक्री काफी घट गई. देश में औसतन करीब 40,000 कार्यक्रम होते हैं कव्वाली ऑर्केस्ट्रा जैसे कार्यक्रम होते हैं लेकिन इस बार ये कार्यक्रम नहीं हो सके."
दिल्ली व्यापर संगठन के अध्यक्ष सतीश बंसल कहते हैं, ''जनवरी-फरवरी में कोरोना के मामले घटने से बिज़नेस पटरी पर लौटने लगा था. अब होली सीजन में उम्मीद थी कि हालात और बेहतर होंगे. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों और होली पार्टियों पर पाबन्दी की वजह से व्यापारियों को भारी नुक्सान उठाना पड़ा है."
पिछले साल भी कोरोना संकट की वजह से व्यापारियों को करीब 20000 करोड़ का नुक्सान हुआ था. साफ़ है, कोरोना संकट से निपटने की चुनौती बड़ी होती जा रही है.