देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मैदानी इलाकों में बारिश तो पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है. हालांकि बहुत से लोग इस मौसम में पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. बर्फबारी और उसके बाद सफेद चादर से ढके पहाड़ों को देखने की ख्वाहिश उन्हें उन ऊंचे पहाड़ी रास्तों तक ले गई है. क्रिसमस से शुरू हुआ यह सिलसिला नए साल तक जारी रहेगा. हालांकि बर्फबारी के कारण कई रास्ते जाम हो गए हैं और पर्यटकों की गाड़ियों के फिसलने के वीडियो आम हैं. वहीं सड़क पर से बर्फ हटाने के लिए सड़क सीमा संगठन भी अपने काम में जुटा है.
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जमकर बर्फबारी हुई है. ऐसे में बर्फ पर वाहनों के फिसलने के कई वीडियो सामने आए हैं. इनमें से एक वीडियो में बर्फ से ढकी सडक पर एक कार फिसलती नजर आ रही है, वहीं कार के पीछे जा रही एक महिला भी बर्फ पर फिसलकर के गिर जाती है. वहीं एक शख्स बर्फ पर फिसलती कार को देखकर के ड्राइवर को ब्रेक नहीं मारने के लिए और ब्रेक छोड़ने के लिए कहता है. यह कार आगे जाकर अपने आप ही रुक जाती है. साथ ही ऐसे भी वीडियो सामने आए हैं, जिनमें बर्फ पर फिसलने के बाद वाहन गहरी खाई में जा गिरे.
बर्फ हटाने के लिए डाला जा रहा नमक और यूरिया
सड़कों पर से बर्फ हटाने के लिए सीमा सड़क संगठन भी मुस्तैद हैं. संगठन की ओर से बर्फ हटाने के लिए सड़कों पर नमक और यूरिया डाला जा रहा है. दरअसल, बर्फबारी के कारण रास्तों पर बर्फ ही बर्फ है. ऐेसे में वाहन इस बर्फ पर फिसल रहे हैं. नमक और यूरिया डालने से बर्फ पिघलने लगती है. यही कारण है कि सीमा सड़क संगठन हमेशा नमक और यूरिया का छिड़काव करता है.
दरअसल, यूरोपीय देशों में सैंकड़ों टन नमक का उपयोग सिर्फ बर्फ को पिघलाने के लिए किया जाता है. नमक को जब बर्फ पर डाला जाता है तो यह उसके हिमांक को कम कर देता है. पानी जीरो डिग्री सेल्सियस पर जम जाता है, यह पानी का हिमांक बिंदु है. हिमांक बिंदु वो है जिस पर कोई तरल पदार्थ ठोस बन जाता है. हम जब बर्फ पर नमक डालते हैं तो बर्फ के आयनों में विघटन शुरू हो जाता है और नमक इन अणुओं के साथ आने को रोकता है. इसके कारण बर्फ पिघलने लगती है.
यदि आप भी पहाड़ों पर जा रहे हैं तो सावधानी बरतें. खासकर ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां पर बहुत ज्यादा बर्फ जमी हुई हो और वाहन सावधानी से चलाएं.