केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (Sadanand Gowda) ने आज कहा कि देश भर में लगभग 9,000 लोग म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस (Black Fungus) से संक्रमित हैं. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने फंगल संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रमुख दवा की 20,000 से अधिक शीशियां प्रभावित राज्यों को भेजी हैं.
रसायन और उर्वरक मंत्री गौड़ा ने प्रभावित राज्यों को आवंटित शीशियों की संख्या के विवरण के साथ ट्वीट किया, "विभिन्न राज्यों में #म्यूकोर्मिकोसिस के मामलों की बढ़ती संख्या की विस्तृत समीक्षा के बाद, आज सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को #एम्फोटेरिसिन-बी की कुल 23,680 अतिरिक्त शीशियां आवंटित की गई हैं. यह आवंटन रोगियों की कुल संख्या के आधार पर किया गया है देश भर में अभी ब्लैक फंगस के लगभग 8,848 मरीज हैं."
इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित गुजरात, जिसने 2,281 मामले दर्ज किए हैं - को 5,800 शीशियां आवंटित की गई हैं, जबकि दूसरे सबसे बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र को 5,090 शीशियां दी गई हैं. आंध्र प्रदेश को प्रभावित 910 मरीजों के इलाज के लिए 2,300 शीशियां मिलेंगी और पड़ोसी तेलंगाना (350 मामले) को 890 शीशियां आवंटित की गई हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जिसने अब तक 197 मामले दर्ज किए हैं, को उनके ब्रेक-अप के अनुसार 670 शीशियां मिलेंगी.
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ब्लैक फंगस के सैकड़ों मामले, जो आंखों, नाक, जबड़े को प्रभावित करते हैं और यहां तक कि मस्तिष्क तक भी फैल सकते हैं, देश भर से COVID-19 संक्रमण के बाद रिपोर्ट किए गए हैं, जिसके बाद केंद्र ने राज्यों से इसे महामारी रोग अधिनियम के तहत इसे अधिसूचित करने को कहा है.
सरकार ने दवाओं की कमी की खबरों के बीच कहा था कि भारत में कम से कम 11 दवा कंपनियों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवाएं बनाने की अनुमति दी गई है. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि कोविड के इलाज में स्टेरॉयड का आतंकित उपयोग किया गया है, जिसने ब्लैक फंगस के प्रसार को बढ़ावा दिया है. मधुमेह और कमजोर इम्यून वाले कोरोनावायरस रोगी विशेष रूप से ब्लैक फंगस की चपेट में हैं.